सरकारी स्‍कूूूल के बच्‍चोंं को पांच मई तक किताब के लिए करना पड़ेगा इंतजार Dhanbad News

नया सत्र जो शुरू हो गया है लेकिन जिले के सरकारी स्कूलों के बच्चे अब तक पढ़ाई शुरू नहीं कर पाएं है। सरकारी स्कूलों के बच्चे अभी किताब मिलने के इंतजार में बैठे हैं। कोरोना के कारण इस सत्र की पढ़ाई भी बाध‍ित हो रही है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 05:30 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 05:30 PM (IST)
सरकारी स्‍कूूूल के बच्‍चोंं को पांच मई तक  किताब के लिए करना पड़ेगा इंतजार Dhanbad News
जिले के सरकारी स्कूलों के बच्चे अब तक पढ़ाई शुरू नहीं कर पाएं है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन : नया सत्र जो शुरू हो गया है, लेकिन जिले के सरकारी स्कूलों के बच्चे अब तक पढ़ाई शुरू नहीं कर पाएं है। बात करें पब्लिक स्कूलों की तो वहां नए सत्र में दो हफ्ते की पढ़ाई भी हो चुकी है। वहीं सरकारी स्कूलों के बच्चे अभी किताब मिलने के इंतजार में बैठे हैं।

किताब के लिए बच्चों को अभी पांच मई तक इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि सभी प्रकाशनों की किताबें सभी प्रखंडों में पहुंच गया है। अब किताबों का वितरण होना है। जिसके बाद जिले के 1727 प्रारंभिक स्कूलों के करीब दो लाख नामांकित छात्र-छात्राएं नए सत्र की पढ़ाई शुरू करेंगे।

हालांकि कुछ प्रखंडों में किताबें नहीं मिलने की बात सामने आई थी पर अब उन प्रखंडों में भी किताबें पहुंच गई है। इस संबंध में निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने सोमवार को आदेश जारी करते हुए कहा है कि सभी बच्चों के बीच किताबों का वितरण किया जाए।

जारी निर्देश में उन्होंने कहा कि कक्षा एक से पांच तक के छात्रों के माता पिता या उनके अभिभावक को किताब उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं कक्षा नौ एवं 10 की पाठ्य पुस्तकें छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराया जाएगा। वितरण के दौरान कोविड के नियमों का पालन करते हुए किया जाए। वहीं एडीपीओ विजय कुमार ने बताया कि किताबें सभी प्रखंड में पहुंच गई है।

कहीं भी किताब को लेकर कोई परेशानी नहीं है। किताबों का वितरण नामांकित बच्चों के बीच करना है। इसकी जिम्मेवारी स्कूलों को दी गई है। ताकि समय पर बच्चों के बीच किताबें पहुंच जाए। उन्होंने बताया कि अभी भी कई स्कूलों में नए सत्र में नामांकन कि प्रक्रिया चल रही है। बताते चले कि इस बार राज्य सरकार ने घोषणा करते हुए कहा है कि सभी बच्चों को नई किताबें दी जाएगी। प्रखंडाें को छात्र संख्या संबंधी मांग के अनुसार ही नई किताबें उपलब्ध कराई जा रही है। कोरोना महामारी के कारण पहली से सातवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। वहीं आठवीं के छात्र स्कूलों में पढ़ाई कर रहे थे पर अब उनकी भी कक्षाओं को स्थगित करते हुए ऑनलाइन पढ़ाई शुरु हो गई है।

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