आज भी प्रभावी है सरकार का आदेश; स्कूल कर रहे हैं मनमानी एसोसिएशन ने कहा सचिव से होगी बात Dhanbad News

झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने राज्य के सभी स्कूलों को आग्रह करते हुए कहा है कि झारखंड सरकार का आदेश जो पिछले साल 25 जून 2020 को निकाला गया था वह आज भी प्रभावी है। स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा कोई दूसरा फीस नहीं ले सकता ।

By Atul SinghEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 11:52 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:52 AM (IST)
आज भी प्रभावी है सरकार का आदेश; स्कूल कर रहे हैं मनमानी एसोसिएशन ने कहा सचिव से होगी बात Dhanbad News
स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा कहीं कोई दूसरा फीस नहीं ले सकता । (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन : झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने राज्य के सभी स्कूलों को आग्रह करते हुए कहा है कि झारखंड सरकार का आदेश जो पिछले साल 25 जून 2020 को निकाला गया था वह आज भी प्रभावी है। उसको देखते हुए स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा कहीं कोई दूसरा फीस नहीं ले सकता ।

अजय राय ने बताया कि उन्होंने अपने लीगल टीम के साथ सरकार के आदेश व झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 के संबंध में विस्तृत रूप से चर्चा की और उसमें पाया की सरकार द्वारा निकाला गया पिछले साल का आदेश आज भी प्रभावी है। राय ने बताया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार द्वारा निकाला गया 25 जून 2020 के आदेश को निकाला गया

है। जिसमे हर बात स्पष्ट रूप से दी गई है। जो निम्नलिखित है।

1- शैक्षणिक सत्र 20 -21 के लिए सरकार ने कहा था कि इस सत्र में कहीं कोई फीस नहीं बढ़ाई जाएगी।

2 - विद्यालयों का पूर्व व्रत संचालन प्रारंभ होने से पूर्व मात्र शिक्षण शुल्क मासिक दर पर लिया जाएगा।

3 - किसी भी परिस्थिति में शिक्षण शुल्क जमा नहीं करने के कारण किसी भी छात्र का नामांकन रद्द नहीं किया जाएगा तथा ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था की सुविधा से वंचित नहीं किया जाएगा।

4 - विद्यालय में नामांकित सभी छात्रों को बिना किसी भेदभाव के ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था हेतु आई.डी एवं पासवर्ड तथा ऑनलाइन शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने की पूर्ण जिम्मेवारी विद्यालय प्रमुख की होगी

5 - विद्यालय बंद रहने की अवधि तक किसी भी प्रकार का वार्षिक सोल की यातायात सोल या अन्य किसी प्रकार का शुल्क अभिभावकों से नहीं लिया जाएगा। उक्त से संबंधित शुल्क विद्यालय में पुनरीक्षण कार्य प्रारंभ होने के पश्चात समानुपातिक आधार पर अभिभावकों से ली जा सकेगी।

6- किसी भी परिस्थिति में अभिभावकों से विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा।

7 - विद्यालय में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन आदि में किसी भी प्रकार की कटौती या रोक नहीं लगाई जाएगी।

8 - विद्यालय प्रबंधन द्वारा शुल्क हेतु कोई नया मद से जीतकर अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव नहीं बनाया जाएगा।

9 - उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में संबद्धता हेतु राज्य सरकार द्वारा निर्गत अनापत्ति प्रमाण पत्र ( एनओसी) रद्द पर विचार किया जाएगा तथा आवश्यकता अनुसार विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

इसमें आदेश का एक नम्बर में सिर्फ यह कहा गया है की सत्र 2021 में कोई फीस नहीं बढ़ाई जाएगी, लेकिन उस पूरे आदेश में स्कूलों को स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आप कोरोना काल के दौरान जब तक स्कूल खुल नहीं जाता तब तक कहीं कोई दूसरे मदों में कोई शुल्क नहीं लेंगे।

इस स्पष्ट आदेश के बावजूद भी आज राज्य के सम्बद्धता प्राप्त स्कूलों ने अलग-अलग कई मदों में शुल्क की वसूली की है। जिस पर अभिलंब रोक लगाई जानी चाहिए। अजय ने बताया कि इस मुद्दे पर झारखंड शिक्षा एवम साक्षरता विभाग के सचिव के साथ भी अभिभावक संघ की बैठक होनी है जिस पर यह सारे मुद्दों पर चर्चा होगी।

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