लाइसेंस फी समायोजन की सरकारी घोषणा से बार संचालकों में खुशी
धनबाद धनबाद सहित राज्य में बार संचालन करने वालों को राज्य सरकार ने काफी राहत दी है। इसके तहत पिछले वित्तीय वर्ष के दो तिमाही का लाइसेंस शुल्क चालू वित्तीय साल में समायोजित करने का ऐलान किया गया है। सरकार की इस घोषणा से घाटे में चल रहे बार संचालकों ने सरकार का आभार जताते हुए कहा कि इसके लिए वे लोग लगातार सरकार से मांग कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, धनबाद : धनबाद सहित राज्य में बार संचालन करने वालों को राज्य सरकार ने काफी राहत दी है। इसके तहत पिछले वित्तीय वर्ष के दो तिमाही का लाइसेंस शुल्क चालू वित्तीय साल में समायोजित करने का ऐलान किया गया है। सरकार की इस घोषणा से घाटे में चल रहे बार संचालकों ने सरकार का आभार जताते हुए कहा कि इसके लिए वे लोग लगातार सरकार से मांग कर रहे थे। अब जाकर सरकार ने उनकी मांगें सुन ली है। अब एक हद तक उनके नुकसान की भरपाई हो पाएगी।
वहीं इस बाबत सहायक उत्पाद अधीक्षक उमा शंकर सिंह ने बताया कि पिछले साल मार्च में लगे लॉकडाउन के कारण वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकार के आदेश के आलोक में जिले के सभी 22 बार पूर्ण रूप से बंद रहे थे। जिसको लेकर इसके संचालकों ने लाइसेंस फी जमा करने में असमर्थता जताते हुए फी माफी की गुहार सरकार से की थी। उसी के परिपेक्ष्य में सरकार ने पिछले साल लिए गए लाइसेंस फी को इस साल के दो तिहाई फी में समायोजित करने का आदेश दिया है। लेकिन इसका लाभ केवल उन्हीं बार संचालकों को मिलेगा, जिन्होंने पिछले साल लाइसेंस फी जमा किया होगा। साथ ही वैसे बार संचालक भी इसका लाभ उठा सकते हैं, जिनके खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन का कोई मामला कहीं भी दर्ज नहीं होगा। गौरतलब है कि जिले में कुल 22 बार संचालकों ने इसके लिए लाइसेंस लिया है। जिससे विभाग को सालाना लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की कमाई होती है। जबकि कुल कारोबार पर हर साल विभाग के खाते में 10 से 15 करोड़ रुपये आते हैं। सरकार के इस निर्णय से विभागीय अधिकारी लगभग एक करोड़ रुपये का नुकसान केवल लाइसेंस फी के मद मे ही होने की बात कह रहे हैं। जबकि पूरे कारोबार पर कुल नुकसान लगभग 10 करोड़ रुपये तक जाने की आंशका है।