Jharkhand: अनुबंध पर बहाल चिकित्सक की सरकारी आवास में मिली सड़ी-गली लाश, सात महीने से नहीं मिला था वेतन

जुलाई में डॉ. कृष्ण की प्रतिनियुक्ति मंडल कारा मेंं हुई थी। उस समय 300 कैदी कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उनके इलाज की जिम्मेदारी इन्हें दी गई थी। वे पटना की राजेंद्र नगर कॉलोनी निवासी थे। करीब दो साल तक सेना में भी चिकित्सक थे।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 08 Oct 2020 08:54 AM (IST) Updated:Thu, 08 Oct 2020 08:54 AM (IST)
Jharkhand: अनुबंध पर बहाल चिकित्सक की सरकारी आवास में मिली सड़ी-गली लाश, सात महीने से नहीं मिला था वेतन
पोड़ैयाहाट प्रखंड के देवटांड़ स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. विजय कृष्ण श्रीवास्तव की लाश सरकारी आवास में मिली।

गोड्डा, जेएनएन। झारखंड के गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट प्रखंड के देवटांड़ स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. विजय कृष्ण श्रीवास्तव की लाश बुधवार को ब्लॉक फील्ड स्थित उनके आवास से सड़ी-गली हालत में मिली। उन्हें सात महीने से वेतन नहीं मिला था। आर्थिक तंगी के कारण तनाव में थे। उनकी बहाली जनवरी 2020 मेंडिस्ट्रिक माइंस एवं मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) से ठेका पर हुई थी। पुलिस ने यूडी केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। 

पारिवारिक कलह के कारण 15 दिन पहले उनकी पत्नी तीन बच्चों को लेकर गोड्डा से सटे पंजवारा चली गई थीं। चिकित्सकों की मानें तो उनकी मौत तीन से पांच दिन पहले हो चुकी थी। बुधवार को डॉ. कृष्ण की पत्नी सुजाता विजय श्रीवास्तव ने बताया कि वेतन के लिए पति ने सिविल सर्जन से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक गुहार लगाई। भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। तीन साल की बच्ची को दूध पिलाने तक का पैसा नहीं था। डॉ. विजय गोड्डा प्रखंड मुख्यालय के सरकारी क्वार्टर में रहते थे। जब कमरे से काफी दुर्गंध निकलने लगी तो पुलिस को जानकारी दी गई। उसने बिछावन पर पड़े शव को बाहर निकाला। पुलिस अधिकारियों ने आशंका जताई कि उनकी मौत हार्टअटैक से हुई, लेकिन पुष्टि पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट से होगी। 

जुलाई में डॉ. कृष्ण की प्रतिनियुक्ति मंडल कारा मेंं हुई थी। उस समय 300 कैदी कोरोना से संक्रमित हो गए थे। उनके इलाज की जिम्मेदारी इन्हें दी गई थी। वे पटना की राजेंद्र नगर कॉलोनी निवासी थे। करीब दो साल तक सेना में भी चिकित्सक थे। सेंट्रल रेलवे, विनोबा भावे अस्पताल में भी सेवा दी। कटिहार मेडिकल कॉलेज में पढऩे के दौरान उन्हें केरल की नर्स सुजाता से प्यार हुआ था। 2001 में शादी हुई थी। पैसे के अभाव में बेटे की पढ़ाई रुक गई थी।

डीएमएफटी से बहाल सभी कर्मियों के वेतन के लिए कई बार जिला प्रशासन को पत्र भेजा गया। सात माह से वेतन नहीं मिला है। डॉ. विजय कृष्ण मेरे परिवार के सदस्य जैसे थे। उनकी मौत से विभाग मर्माहत है। 

-डॉ शिव प्रसाद मिश्रा, सिविल सर्जन, गोड्डा

प्रखंड परिसर स्थित क्वार्टर में डॉ. विजय का शव मिला। उनकी पत्नी ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण वे तनाव में रहते थे। संभव है कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई हो।

-अशोक कुमार सिंह, थाना प्रभारी, नगर थाना, गोड्डा

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