PM Narendra Modi ने ढूंढ़ी रेल कर्मचारियों के दर्द की दवा, मुआवजे की रकम कर दी दोगुनी
रेलवे कर्मचारियों से जुड़ी बेहद खास खबर। मोदी सरकार ने कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के तहत उन्हें मिलने वाली रकम लगभग दोगुनी कर दी है। कर्मचारी मुआवजा अधिनियम-1923 में बदलाव हो जाने से अब मुआवजे की रकम की गणना हर महीने 15 हजार के तौर पर होगी।
तापस बनर्जी, धनबाद: रेलवे कर्मचारियों से जुड़ी बेहद खास खबर। मोदी सरकार ने कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के तहत उन्हें मिलने वाली रकम लगभग दोगुनी कर दी है। कर्मचारी मुआवजा अधिनियम-1923 में बदलाव हो जाने से अब मुआवजे की रकम की गणना हर महीने 15 हजार के तौर पर होगी। इससे पहले रकम की गणना प्रति माह आठ हजार होती थी। कर्मचारियों के कल्याण से जुड़े इस अधिनियम का बड़ा लाभ रेलवे कर्मचारियों को मिलेगा। इसे तीन जनवरी 2020 से ही प्रभावी माना जाएगा।
2010 से पहले इंप्लाईज कंपन्सेशन एक्ट 1923 को कामगार मुआवजा अधिनियम के तौर पर जाना जाता था। इस अधिनयम के तहत ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाने या फिर आंशिक या पूर्ण रूप से दिव्यांग हो जाने पर मुआवजे का भुगतान होता है। बाद में इसे कर्मचारी मुआवजा अधिनियम का नाम मिला। कर्मचारी मुआवजा अधिनियम 1923 के तहत कर्मचारी को मुआवजे के तौर पर मिलने वाली राशि हर महीने सिर्फ आठ हजार थी। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी मुआवजा अधिनियम 1923 में संशोधन किया और मुआवजे की रकम बढ़ाकर 15 हजार करने की मंजूरी दी गई। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इसे तीन जनवरी से 2020 से ही प्रभावी कर दिया है। अब केंद्रीय इकाईयां अपने-अपने विभाग के कर्मचारियों के लिए आदेश जारी कर रही हैं। रेलवे बोर्ड ने पिछले सप्ताह ही कर्मचारी मुआवजा अधिनियम 1923 में हुए संशोधन से जुड़ा पत्र जारी किया है। रेलवे बोर्ड के निदेशक स्थापना एलएल प्रवीण कुमार ने सभी जोनल रेलवे और उत्पादन इकाईयों को पत्र जारी कर दिया है।
धनबाद रेल मंडल में भी प्रक्रिया शुरू
रेलवे बोर्ड से जारी आदेश के बाद धनबाद रेल मंडल में इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब तक जहां मुआवजे की गणना हर महीने आठ हजार के तौर होती थी। अब यहां के कर्मचारियों को भी बढ़ी हुई मुआवजा राशि का लाभ मिलेगा। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने तीन जनवरी 2020 से इसे प्रभावी कर दिया है। तय तिथि से ही संशोधित रकम की गणना कर भुगतान होगा। अधिकारी का मानना है कि कर्मचारी कल्याण से जुड़ा यह बड़ा कदम है।