बिना मुआवजा घर खाली नहीं करेंगे गोधर व गंसाडीह के लोग, बीसीसीएल के नोटिस चिपकाने से इलाके में राेष Dhanbad News

बीसीसीएल के फरमान से गोधर गंसाडीह के लगभग पच्चीस हजार की आबादी प्रभावित होगी। इसको लेकर विरोध शुरू हो गया है। गोधर गंसाडीह का कुछ इलाका रैयती तो कुछ बीसीसीएल की जमीन पर है।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 11:28 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 11:28 PM (IST)
बिना मुआवजा घर खाली नहीं करेंगे गोधर व गंसाडीह के लोग, बीसीसीएल के नोटिस चिपकाने से इलाके में राेष Dhanbad News
बिना मुआवजा घर खाली नहीं करेंगे गोधर व गंसाडीह के लोग, बीसीसीएल के नोटिस चिपकाने से इलाके में राेष Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। जिले के न्यू गोधर कुसुंडा कोलियरी प्रबंधन के गोधर, गंसाडीह के कई इलाकों को भू-धंसान प्रभावित बताकर खाली करने के फरमान से लोगों में उबाल है। बीसीसीएल के इस फरमान से गोधर गंसाडीह के लगभग पच्चीस हजार की आबादी प्रभावित होगी। इसको लेकर विरोध शुरू हो गया है। गोधर गंसाडीह का कुछ इलाका रैयती तो कुछ बीसीसीएल की जमीन पर है। गोधर कुर्मीडीह हरिजन सह मोची बस्ती पूरी तरह रैयती है। वहीं गोधर 25 नम्बर में कुछ जमीन रैयती तो कुछ बीसीसीएल की है। लोगों का कहना है कि बीसीसीएल का जमकर विरोध करते हुए आंदोलन किया जायेगा। बीसीसीएल प्रबंधन को हर हाल में बीसीसीएल और सरकार की विस्थापन नीति के तहत रोजगार, मुआवजा और सुरक्षित स्थान देना होगा। उसके बाद ही इलाका खाली करने पर विचार किया जायेगा। अन्यथा लोग जिस जगह पर हैं, वही रहेंगे।

लोगों ने कहा : गंसाडीह में हमलोग 50 वर्षों से अधिक समय से रह रहे हैं। बीसीसीएल की ओर से यहां 351 घरों का सर्वे किया गया है। प्रबंधन पहले लोगों को रोजगार के साथ उचित मुआवजा और सुरक्षित जगह पर बसाने का काम करे। इस मामले में गोधर के पीओ से पिछले दिनों हुई वार्ता में नियोजन और मुआवजे के साथ लिखित सहमति बनाई गई है। -धर्मेंद्र सिंह, स्थानीय निवासी, गंसाडीह तीन नंबर मेरे पूर्वज 70 वर्षो पूर्व से गंसाडीह में घर बनाकर रहते आये हैं। ऐसे में अचानक बीसीसीएल के नोटिस या फरमान से किस स्थान पर जायें। बीसीसीएल प्रबंधन पहले विस्थापन नीति तहत के सुबिधा प्रदान करे। मुआवजा दे ताे हम जगह छोड़ देंगे। -विश्वनाथ महतो, स्थानीय निवासी, गंसाडीह बीसीसीएल प्रबंधन बिना कोई सुबिधा प्रदान किये साजिश के तहत लोगाें को उजाड़ना चाहती है। अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना चाहती है। यह हम नहीं चलने देंगे। हम रैयत हैं, हमेश मुआवजा चाहिए। बीसीसीएल की मनमानी नही चलने दी जायेगी। -जयप्रकाश चौहान, समाजसेवी, गोधर 25 नंबर।

बीसीसीएल हर बार अखबार में नोटिस देकर क्षेत्र के लोगो को डराने का काम करती है। बीसीसीएल प्रबंधन को पहले लोगो से वार्ता कर विस्थापन नीति के तहत मुआवजे के साथ बसाने का काम करना चाहिए। उसके बाद कोई नोटिस देना चाहिए। -अनु पासवान, स्थानीय निवासी, गोधर 25 नंबर। गोधर कुर्मीडीह, हरिजन बस्ती और मोची बस्ती को लेकर की पूरी जमीन रैयती है। इसको लेकर बीसीसीएल कुसुंडा प्रबंधन से लड़ाई लड़ी जा रही है। 60 से 70 लोग बीसीसीएल के बिना कोई सुविधा दिए गोधर सुरक्षित स्थान पर चले गये हैं। सिर्फ दो परिवार इस बस्ती में हैं। जबतक बस्ती निवासियों के साथ न्याय नहीं किया जायेगा। तब तक बीसीसीएल प्रबंधन का विरोध किया जायेगा। -हरि प्रसाद पप्पू, जिला अध्यक्ष, मार्क्सवादी समन्वय समिति।

इलाका खतरनाक तो फोरलेन रोड कैसे बन रहा :

बीसीसीएल लोगों को भयभीत करने का प्रयास कर रहा है। उसकी मंशा सिर्फ आउटसोर्सिंग कंपनियों को लाभ पहुंचाना है। इससे पहले बीसीसीएल ने एनएच-32 को बंद करने का प्रयास किया था। हमलोगों ने प्रबल विरोध किया तो यह रुका। आज उसे फोरलेन रोड बनाया जा रहा है। इलाका खतरनाक है तो फोरलेन रोड कैसे बनाया जा रहा है। जल्द ही केंदुआ-करकेंद बचाओ संघर्ष समिति का गठन कर इस लड़ाई को मजबूती से लड़ा जाएगा। यहां के निवासियों को न्याय मिले इसका प्रयास किया जाएगा। इस संदर्भ में विभिन्न क्षेत्र के व्यवसायियों एवं आम नागरिकों के साथ संपर्क शुरू कर दिया गया है। इसके पूर्व फरवरी माह में गोमो बचाओ मोर्चा के अन्तर्गत गोमो के दुकानदारों के संदर्भ में लड़ाई लड़ी गयी थी। -राजीव शर्मा, महासचिव, झारखंड इंडस्ट्रीज एंड ट्रेड एसोसिएशन।

chat bot
आपका साथी