Godda के सरौनी उपडाकघर के निलंबित पोस्टमास्टर गिरफ्तार, 21 करोड़ के गबन का आरोप
अप्रैल माह में ही संताल परगना के वरीय डाक अधीक्षक वी किशोर ने राज्य प्रवर्तन निदेशालय को भेजी रिपोर्ट में गोड्डा के सरौनी बाजार पोस्ट ऑफिस में 20 करोड़ 90 लाख 14 हज़ार 200 रुपये के गबन की पुष्टि आंतरिक जांच में की थी।
जागरण संवाददाता, गोड्डा। जिले के सदर प्रखंड के सरौनी उपडाकघर में करोड़ों रुपये का घोटाला करने वाला निलंबित पोस्ट मास्टर निर्भय कुमार पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। रविवार को मुफस्सिल थाना प्रभारी अरुण कुमार ने दलबल के साथ निर्भय को गोड्डा शहर से गिरफ्तार किया। बीते 10 अप्रैल 2021 को दुमका डाक परिमंडल के अनुमंडल डाक अधीक्षक रामाश्रय प्रसाद ने मुफस्सिल थाना में सरौनी बाजार पोस्ट ऑफिस के पोस्टमास्टर निर्भय कुमार के खिलाफ 20 करोड़ 90 लाख 14 हज़ार 200 रुपये का गबन की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
आंतरिक जांच में 20.90 करोड़ गबन की पुष्टि
बता दें कि यह मामला तब प्रकाश में आया था जब बीते अप्रैल माह में ही संताल परगना के वरीय डाक अधीक्षक वी किशोर ने राज्य प्रवर्तन निदेशालय को भेजी रिपोर्ट में गोड्डा के सरौनी बाजार पोस्ट ऑफिस में 20 करोड़ 90 लाख 14 हज़ार 200 रुपये के गबन की पुष्टि आंतरिक जांच में की थी। इसके बाद दुमका के अनुमंडल डाक अधीक्षक रामाश्रय प्रसाद ने गोड्डा मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराकर पोस्ट मास्टर सहित अन्य को आरोपित किया था।
कई वर्षों से की जा रही थी निकासी
बताया जाता है कि सरौनी बाजार पोस्ट ऑफिस में फर्जीवाड़ा कर उक्त मोटी रकम की अवैध निकासी बीते कई वर्षों से की जा रही थी। विभाग की आंतरिक जांच के बाद आरोपित पोस्टमास्टर निर्भय कुमार को तत्काल निलंबित कर दिया गया था। पोस्टमास्टर निर्भय कुमार को निलंबित करने के बाद नवल प्रकाश पंडित को सरौनी बाजार पोस्टऑफिस का चार्ज दिया गया था। बताते हैं कि मार्च अप्रैल के दौरान यहां दुमका से अधिकारियों की टीम ने जांच की थी। इस क्रम में दर्जनों खातों को फ्रीज कर दिया गया था। जांच में 20 करोड़ 90 लाख 14 हज़ार 200 रुपये की गड़बड़ी पकड़ी गई थी। सरौनी बाजार उपडाकघर मैनुअल चलता था । इस वजह से वरीय अधिकारियों की इस फर्जीवाड़े की जानकारी काफी विलंब से मिली।
सहयोगियों की भी मिलीभगत
सूत्रों का कहना है कि पोस्टमास्टर निर्भय कुमार ने उपडाकघर में कार्यरत कुछ सहयोगियों की मिलीभगत से घोटाले को अंजाम दिया था। निर्भय फर्जीवाड़ा कर अपने करीबी लोगों के खाते में पैसा ट्रांसफर कर देता था। बाद में उसकी निकासी कर ली जाती थी। सरौनी बाजार डाकघर से आठ ग्रामीण डाकघर जुड़े हुए हैं। सभी का लेनदेन यहीं से होता है। इसका नियंत्रण दुमका से होता है। गोड्डा प्रधान डाकघर में भी इस संबंध में अधिकारी की जांच रिपोर्ट विभाग को भेजी गई थी। इसके बाद ही निर्भय कुमार ने विभाग द्वारा निलंबित किया गया था। दुमका के अनुमंडल डाक अधीक्षक रामाश्रय ने बताया कि विभाग की ओर से पुलिस को जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है। निर्भय की गिरफ्तारी के बाद अब उसके और भी सहयोगियों की करतूतें सामने आएगी।