गधा हो या कुत्ता सब में है भगवान का वास: सुरेंद्र हरिदास महाराज Dhanbad News
कर्मिक नगर में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा लगातार बाह रही है। आज भगवान कृष्ण दुर्योधन का छप्पन भोग त्याग करके विदुर के घर में एक दासी पुत्र के यहां जाकर रुके। केला का छिलका खाकर तृप्त हुए। कथावाचक सुरेंद्र हरिदास महाराज ने बताया कि भगवान भाव के भूखे हैं।
धनबाद, जेएनएन : कर्मिक नगर में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा लगातार बाह रही है। आज भगवान कृष्ण दुर्योधन का छप्पन भोग त्याग करके विदुर के घर में एक दासी पुत्र के यहां जाकर रुके। केला का छिलका खाकर तृप्त हुए। कथावाचक सुरेंद्र हरिदास महाराज ने बताया कि भगवान भाव के भूखे हैं। भाव से जो भजता है उसका बेड़ा पार है। उसके बाद भगवान कपिल का चित्र सुनाया गया।
सारे तीरथ बार बार गंगासागर एक बार। भगवान कपिल अपनी मां को उपदेश देते हैं, अष्टांग योग के बारे में बताते हैं। जीव को अहिंसक होना चाहिए। सब प्राणी में भगवान का वास दिखना चाहिए, चाहे वह गधा हो कुत्ता। सबमें भगवान का वास है। किसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए, अंत में राजा बलि की कथा और झांकी दिखाई गई। भगवान नारायण ने वामन का रूप लेकर तीन पग में ही राजा बलि की भूमि नाप ली।
राजा बलि की भक्ति देखकर भगवान उनके यहां कई वर्षों तक द्वारपाल बनकर रहे। माता लक्ष्मी ने राजा बलि को अपना भाई बनाया। राखी बांधी, इसके बाद जाकर श्री हरि को अपने साथ ले जा सकीं।उसी समय से रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाने लगा। हर त्योहार हर पर्व हमारे नारायण से जुड़ी है। होली, रक्षाबंधन, रामनवमी, दीपावली सभी भगवान नारायण से जुड़ा है। आज शाम भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाएगा। इस कथा को सफल करने में मुकेश सिंह, प्रमोद कुमार शर्मा, मनोज श्रीवास्तव, बुधन, संजीव, मुकेश, रामाजी, बनारसी चौरसिया, गिरवर लाल, विरेंद्र प्रसाद, हरिचरण, संजय समेत शिव शक्ति समिति के सभी सदस्यों का सहयोग रहा।