पूर्णिमा पर स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ चले गए 14 दिन क्वारंटाइन पर Dhanbad News
कोरोना वायरस के कारण जिन-जिन लोगो को कोरोना का जरा सा भी संदेह है उन्हें क्वारंटाइन में रखा जा रहा है। कुछ लोग जरा सा सर्दी जुकाम होने पर खुद को आइसोलेशन में कर ले रहे हैं। उसी प्रकार भगवान जगरनाथ भी गुरुवार को जल से अभिषेक कराएं गए।
जासं, धनबादः कोरोना वायरस के कारण जिन-जिन लोगो को कोरोना का जरा सा भी संदेह है, उन्हें क्वारंटाइन में रखा जा रहा है। कुछ लोग जरा सा सर्दी जुकाम होने पर खुद को आइसोलेशन में कर ले रहे हैं। उसी प्रकार भगवान जगरनाथ को भी गुरुवार को स्नान पूर्णिमा पर 108 घट शीतल जल से अभिषेक कराएं गए। जिस कारण सर्दी जुकाम होने से भगवान जगरनाथ को भी होम क्वारंटाइन में मंदिर के कच्छ में रखा गया है। और वह 14 दिन तक आइसोलेशन में रहते हैं। धनसार स्थित जगन्नाथ मंदिर के पुजारी देवाशीष पांडा ने बताया कि हर साल रथ यात्रा से पहले ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक प्रभु जगन्नाथ बीमार पड़ते हैं। इस दौरान उन्हें मंदिर में आइसोलेशन में रखा जाता है। और भक्तों के लिए मंदिर का कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस अवधि में भगवान के दर्शन बंद रहते हैं। लेकिन इस बार कोरोना के कारण मंदिर का कपाट भक्तों के लिए पहले से ही बंद है।
भगवन जगन्नाथ कब और कैसे होते हैं स्वस्थः
108 घट के शीतल जल से स्नान होने से बीमार हुए भगवान के दर्शन के लिए भक्त भी 15 दिनों तक इंतजार करते हैं। भगवान को स्वस्थ होने के लिए जड़ी बूटियों का पानी काढ़े का भोग लगाया जाता है। यह परंपरा हजारों साल से चली आ रही है। उसके बाद भगवान स्वस्थ होकर भक्तों को दर्शन देते हैं तब नेत्र उत्सव मनाया जाता है। इस दौरान सांस्कृसति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। तरह-तरह के पकवान से प्रभु को भोग लगाया जाता है। भगवान यहां नौ दिन तक रहते हैं और उसके बाद अपनी मौसी बाड़ी से वापस अपने मंदिर में लौट जाते हैं।