Dhanbad जेल में बढ़ी है गैंगवार की आशंका, एक तरफ गांधी तो दूसरी तरफ आशीष का भाई भी है मौजूद
एक तरफ जहां अंबिकापुरम निवासी विकास सिंह और उसका साथी सतीश साव उर्फ़ समीर गांधी धनबाद जेल में बंद है तो वहीं दूसरी ओर नीरज तिवारी हत्याकांड में शामिल आशीष रंजन का बड़ा भाई प्रियरंजन और उसके दूसरे गुर्गे भी धनबाद जेल में है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद जेल में इन दिनों भारी संख्या में कुख्यात अपराधी बंद है। एक तरफ जहां अंबिकापुरम निवासी विकास सिंह और उसका साथी सतीश साव उर्फ़ समीर गांधी धनबाद जेल में बंद है तो वहीं दूसरी ओर नीरज तिवारी हत्याकांड में शामिल आशीष रंजन का बड़ा भाई प्रियरंजन और उसके दूसरे गुर्गे भी धनबाद जेल में है। इसके कारण धनबाद मंडल कारा में गैंगवार की आशंका बढ़ी हुई है।
एक साथ थे आशीष- गांधी बाद में हुए अलग: धनबाद के अभी दो सबसे खतरनाक शूटर आशीष रंजन और सतीश साव उर्फ गांधी कभी एक साथ काम किया करते थे। वीर कुंवर सिंह कॉलोनी निवासी जमीन व्यवसाई समीर मंडल की हत्या इन दोनों ने मिलकर ही की थी मगर बाद में पैसे के लेनदेन के कारण दोनों एक दूसरे से अलग हो गए। उसके बाद गांधी ने विकास सिंह और आशीष रंजन ने अमन सिंह का साथ पकड़ लिया। इस बाबत गांधी ने सतीश सिंह की हत्या में आशीष को अपने साथ नहीं रखा तो वही आशीष ने लाला खान हत्याकांड में गांधी को भी अपने से दूर रखा।
पूर्व विधायक भी है धनबाद जेल में: इन दिनों धनबाद जेल में झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह भी हैं। वह नीरज सिंह हत्याकांड के आरोप में जेल में बंद है। उनके साथ नीरज हत्याकांड में आरोपित पंकज सिंह, डब्लू गिरी, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, धनजी सिंह भी मौजूद है। विधायक के जेल जाने से उनकी सुरक्षा का भी ख्याल जेल प्रशासन द्वारा रखा जा रहा है। ऐसे में दूसरे को कुख्यात अपराधी क्या जेल में होना गेंगवार की तरफ इशारा कर रहा है।