Indian Railways: साहबों का सैलून कनेक्ट करना हो तो हो जाती तकनीकी गड़बड़ी, 40 मिनट बिलंब से खुली धनबाद-पटना गंगा दामोदर एक्सप्रेस
Indian Railways News गंगा दामोदर एक्सप्रेस के खुलने का समय पूरा होने के बाद भी ट्रेन प्लेटफार्म पर खड़ी थी। इसे लेकर यात्रियों ने पूछताछ शुरू की। रेलवे इंक्वायरी से यही घोषणा होती रही कि तकनीकी कारणों से गंगा दामोदर एक्सप्रेस लेट खुलेगी।
जागरण संवाददाता, धनबाद। पैसे चुका कर टिकट खरीदने के बाद भी अगर यात्री आधे मिनट भी लेट हो गए तो ट्रेन चल पड़ेगी। लाख चिल्लाते रहे पर ट्रेन नहीं रुकेगी। मगर ऐसा ही किसी रेल अधिकारी के साथ हो जाए तो उनके लिए पूरी ट्रेन रुकी रहेगी। साहब आएंगे तभी ट्रेन खुलेगी। रेलवे अपने सिस्टम को तेजी से बदल रही है। पर अफसरों के नखरे अब भी वैसे का वैसा ही है। ताजा उदाहरण धनबाद स्टेशन का है, जहां पटना जाने वाली गंगा दामोदर एक्सप्रेस लगभग पौन घंटे इसलिए खड़ी रही क्योंकि रेल अधिकारी का सैलून नहीं जुड़ा था। वाकया रविवार देर रात का है।
ये है पूरी कहानी
पूर्व मध्य रेल मुख्यालय के प्रधान मुख्य अभियंता धनबाद रेल मंडल के दौरे पर थे। रविवार की रात उनका सैलून धनबाद से पटना जाने वाली गंगा दामोदर एक्सप्रेस में जोड़ना था। मुख्य अभियंता बरकाकाना में थे। बरकाकाना से जबलपुर से हावड़ा जाने वाली डाउन शक्तिपुंज एक्सप्रेस में उनका सैलून जुड़ा था। शक्तिपुंज एक्सप्रेस धनबाद स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 7 पर आई थी जबकि गंगा दामोदर एक्सप्रेस प्लेटफार्म दो पर खड़ी थी। प्लेटफॉर्म 7 से सैलून को लेकर प्लेटफार्म नंबर 2 पर लाना था। काम इतना आसान नहीं था। शक्तिपुंज एक्सप्रेस के प्लेटफार्म पर आने के बाद उससे जुड़े सैलून को काटकर अलग किया गया। इसके बाद इंजन लाकर सैलून को प्लेटफार्म नंबर 2 पर ले जाया गया जहां सैलून गंगा दामोदर एक्सप्रेस में जुड़ा। शक्तिपुंज एक्सप्रेस से सैलून खोलने और गंगा दामोदर एक्सप्रेस में सैलून जोड़ने में काफी वक्त लग गया। इस वजह से रात 11:20 पर खुलने वाली गंगा दामोदर एक्सप्रेस लगभग रात के 12:00 बजे धनबाद से खुली।
तकनीकी कारणों से लेट खुलने की होती रही घोषणा
गंगा दामोदर एक्सप्रेस के खुलने का समय पूरा होने के बाद भी ट्रेन प्लेटफार्म पर खड़ी थी। इसे लेकर यात्रियों ने पूछताछ शुरू की। रेलवे इंक्वायरी से यही घोषणा होती रही कि तकनीकी कारणों से गंगा दामोदर एक्सप्रेस लेट खुलेगी।
आवभगत में लगे थे स्थानीय अधिकारी
मुख्य अभियंता के सैलून को धनबाद में रिसीव करने के लिए स्थानीय रेलवे अधिकारी पहले से ही तैयार खड़े थे। हालांकि वह सैलून से नहीं उतरे। इसके बाद भी उनके रवाना होने पर ही स्थानीय अधिकारी और कर्मचारी ने राहत की सांस ली।