Dhanbad में ठेका पर हो रहा है कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार...पढ़िए पूरी खबर
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी जानलेवा लहर से पूरा देश जूझ रहा है। धनबाद जिला भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना से आए दिन धनबाद के अस्पताल में भी इलाज के दौरान कई लोग मर रहे हैं।
गोविन्द नाथ शर्मा, झरिया : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की दूसरी जानलेवा लहर से पूरा देश जूझ रहा है। धनबाद जिला भी इससे अछूता नहीं है। कोरोना से आए दिन धनबाद के अस्पताल में भी इलाज के दौरान कई लोग मर रहे हैं। कोरोना ने मृतक के स्वजन के अंदर ऐसा खौफ पैदा कर दिया है कि स्वजन कोरोना संक्रमित शव को छूने से भी डरने लगे हैं। ऐसे में उनका अंतिम संस्कार ठेके पर किया जा रहा है। धनबाद नगर निगम के सफाई कर्मी ठेका पर आमझर कोविड -19 श्मशान-कब्रिस्तान में ठेका पर ऐसे शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। धोखरा पंचायत में रहनेवाले एक शिक्षक की कोरोना से अस्पताल में मौत के बाद आमझर में अंतिम संस्कार के लिए स्वजनोंं से सफाई कर्मियों ने 11 हजार रुपये की मांग की। नौ हजार में फाइनल हुआ। इसी तरह निरसा रामकनाली निवासी कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद आमझर में अंतिम संस्कार के लिए मृतक के स्वजनों से 10 हजार लिए गए। अमीर लोगों से 21 हजार तक लिए जा रहे हैं।
सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर में मौतों की बढ़ती संख्या को देखकर शवों को देने में अपनाया लचीला रूख :
वर्ष 2020 में कोरोना वायरस से अस्पताल में लोगों की मौत होने के बाद शवों को सरकार के निर्देश पर प्रशासन मृतक के स्वजनों को नहीं देता था। कई तरह के सख्त नियम बनाए गए थे। कोरोना संक्रमित की मौत के बाद शवों को पूरी तरह से ढंककर प्रशासनिक स्तर से उसका अंतिम संस्कार कराया जाता था। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में लोगों की अधिक मौत होने के कारण सरकार ने लचीला रुख अपनाया। मृतक के स्वजनों की मांग पर शव को उन्हें सौंप दे रहे हैं। स्वजन उन्हें मटकुरिया, मोहलबनी, लिलोरीस्थान, सिन्दरी आदि श्मशानों में अंतिम संस्कार कर रहे हैं। यहां भी उन्हें सफाई कर्मियों को पैसे देने पड़ रहे हैं। वैसे मृतक के स्वजन जो शव लेने से इंकार करते हैं। उनका अंतिम संस्कार प्रशासन की ओर से आमझर में कराया जाता है। हालांकि इस वर्ष कोरोना संक्रमित अधिकांश शवों को प्रशासन की ओर से उनके स्वजनों को ही सौंप दिया जा रहा है।
शव के अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्था ठेके के पैसे से करते हैं सफाई कर्मी :
आमझर में शवों के अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्था ठेके के पैसे से सफाई कर्मी की ओर से ही की जाती है। धनबाद के अस्पताल में कोरोना संक्रमित की मौत होने के बाद वहीं पर सफाई कर्मी ठेका ले लेते हैं। इसके बाद शव के साथ वाहन से चार सफाई कर्मी आमझर आते हैं। कुछ घंटे में शव का अंतिम संस्कार कर चले जाते हैं।
क्या कहते हैं मृतक के स्वजन व निगम के सफाई कर्मी :
कोरोना संक्रमित मृतक के शव के अंतिम संस्कार में परिवार के दो-चार लोग ही आते हैं। इनका कहना है कि सफाई कर्मी पहले 11 से 21 हजार तक की मांग करते हैं। लेकिन कुछ कम देने से मान जाते हैं। उनकी ओर से कहा जाता है कि आप केवल साथ चलें। मुखाग्नि दें। शव के अंतिम संस्कार में सारी व्यवस्था हम लोग करा देंगे। सफाई कर्मियों का तर्क होता है कि लकड़ी, कफन, माला, चंदन आदि सामान की व्यवस्था भी हमलोग करेंगे। इस तरह आमझर श्मशान में ठेके पर कोरोना से मरे कई लोगों का अंतिम संस्कार हर दिन हो रहा है।
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आमझर का श्मशान-कब्रिस्तान हुआ एक :
वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण को देखते हुए धनबाद जिला प्रशासन की ओर से आमझर में अलग से कोविड-19 श्मशान-कब्रिस्तान बनाया गया था। लगभग दो एकड़ क्षेत्र में यहां के श्मशान-कब्रिस्तान में पिछले वर्ष से शुरू हुआ कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार अभी भी जारी है। यह अलग बात है कि यहां शवों के अंतिम संस्कार में अब कुछ कमी आई है। इसका मुख्य कारण सरकार व जिला प्रशासन की ओर से मृतक के स्वजनों की मांग पर उन्हें शवों को सौंप दिया जाना है। कोविड-19 आमझर श्मशान-कब्रिस्तान में शवों के अंतिम संस्कार की संख्या अब कम होने से जिले के विभिन्न श्मशान घाटों में कोरोना वायरस शवों का अंतिम संस्कार किया जाने लगा है।