Birth Certificate: आनलाइन जन्म प्रमाणपत्र बनाने में फिर फर्जीवाड़ा, दुमका डीसी ने FIR का दिया आदेश

जन्म प्रमाणपत्र के फर्जीवाड़ा की छानबीन में यह बात आयी कि जन्म की तारीख 24 अगस्त 2014 और पंजीकरण का तारीख 29 नवंबर 2021 दर्ज की गई है। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने जरमुंडी के प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी को तत्काल प्रिंट आउट निकलवाया।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 09:31 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 09:31 AM (IST)
Birth Certificate: आनलाइन जन्म प्रमाणपत्र बनाने में फिर फर्जीवाड़ा, दुमका डीसी ने FIR का दिया आदेश
जन्म प्रमाण पत्र निर्माण में जालसाजी ( प्रतीकात्मक फोटो)।

राजीव/रूपेश, दुमका। दुमका जिले में आनलाइन जन्म प्रमाणपत्र बनाने में फिर फर्जीवाड़ा हुआ है। जरमुंडी प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के साफ्टवेयर में छेड़छाड़ के साक्ष्य मिले हैैं। प्रारंभिक जांच में यह बात आयी है कि 25 नवंबर को सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम में निबंधन संख्या 1210 दर्ज था। चार दिन बाद 29 नवंबर को फिर सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम के साफ्टवेयर को खोला गया। कायदे से अगली निबंधन संख्या 1211 होनी चाहिए थी। साफ्टवेयर में दिखा कि निबंधन संख्या 1212 के तहत सरैयाहाट के राजकुमार दास के पुत्र आयुष कुमार का जन्म प्रमाणपत्र बन चुका है। जन्म प्रमाणपत्र पत्र पर रजिस्ट्रार का हस्ताक्षर होना चाहिए था जबकि उस पर उप रजिस्ट्रार का हस्ताक्षर अंकित है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर गुफरान को शक हुआ तो उन्होंने जिला सांख्यिकी विभाग को जानकारी दी।

जिला सांख्यिकी पदाधिकारी कुमार अविनाश को प्रारंभिक जांच में अंदाजा हो गया कि साइबर अपराध करते हुए फर्जीवाड़ा कर दिया गया है। उन्होंने दुमका उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला को प्रारंभिक जांच से अवगत करा दिया। तत्पश्चात उपायुक्त के आदेश पर सरैयाहाट के विशनपुर धनवै गांव के निवासी राजकुमार दास और उनके पुत्रों के जन्म प्रमाणपत्र तैयार करने के लिए आनलाइन आवेदन करने वाले प्रज्ञा केंद्र संचालक पुरुषोत्तम के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद इस फर्जीवाड़ा में शामिल और लोगों के नाम सामने आते हैैं तो वे भी आरोपित होंगे।

दरअसल, जरमुंडी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर गुफरान को जानकारी मिली कि सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम में क्रम संख्या अकारण आगे बढ़ गयी है तो सबके कान खड़े हो गए। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी और सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी को जांच में पता चला कि निबंधन का क्रम संख्या बढ़ा कर राजकुमार दास के पुत्र का निबंधन किया गया है। यह बात भी संज्ञान में आयी कि राजकुमार के दूसरे पुत्र का निबंधन गोपीकांदर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की आइडी से किया गया है।राजकुमार दास हंसडीहा में बैंक में गार्ड है। पूछताछ में उसने बताया कि वो गोड्डा के प्रज्ञा केंद्र संचालक पुरुषोत्तम के संपर्क में था। पुरुषोत्तम के कहने पर उसने जन्म प्रमाणपत्र के लिए आवेदन दिया था। पूछताछ में पुरुषोत्तम ने जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को बताया कि पटना में रहने वाले किसी गुलजार अंसारी ने यह फर्जीवाड़ा किया है।

जन्म प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया में शामिल कई लोग निशाने पर

जन्म निबंधन से संबंधित आइडी का पासवर्ड जरमुंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह रजिस्ट्रार के अलावा दो कंप्यूटर आपरेटर अरङ्क्षवद कुमार यादव एवं बबलू कुमार मंडल के पास था। नियमानुसार आइडी का पासवर्ड प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी के अलावा सिर्फ एक आपरेटर के पास होना चाहिए। प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर गुफरान को एक कंप्यूटर आपरेटर पर संदेह है।

जन्म निबंधन में अलग-अलग तारीख दर्ज की गई

जन्म प्रमाणपत्र के फर्जीवाड़ा की छानबीन में यह बात आयी कि जन्म की तारीख 24 अगस्त 2014 और पंजीकरण का तारीख 29 नवंबर 2021 दर्ज की गई है। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने जरमुंडी के प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी को तत्काल प्रिंट आउट निकलवाया। इसके बाद फर्जी निबंधन को रद्द करने का आदेश दिया। आइडी का पासवर्ड बदलने का भी निर्देश दिया।

पूर्व में भी जरमुंडी से उजागर हुआ था फर्जी प्रमाणपत्र बनाने का खेल

पूर्व में भी जरमुंडी प्रखंड से फर्जी प्रमाणपत्र बनाने का खेल उजागर हुआ था। जरमुंडी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के तालझारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जन्म प्रमाण पत्र निर्गत होने की साजिश खुली थी। एक जुलाई 2021 को निबंधन संख्या 1420 पर प्रमाणपत्र बनना शुरू हुआ था। महज छह दिनों में निबंधन संख्या का आंकड़ा बढ़ कर 1802 पहुंच गया। एक जुलाई से सात जुलाई के बीच 381 बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र निर्गत कर दिया गया। अधिकृत कंप्यूटर आपरेटर अरङ्क्षवद कुमार यादव ने प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर गुफरान को इसकी जानकारी दी। संदेह जताया कि कुछ गोलमाल हो रहा है। डाक्टर गुफरान ने तुरंत जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को सूचित किया था। जांच शुरू हुई तो खुलासा हुआ कि जन्म प्रमाणपत्र बनाने में झारखंड के कई जिलों में फर्जीवाड़ा हो रहा है। साफ्टवेयर में छेद कर यह गोलमाल हो रहा है।

जरमुंडी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फर्जी निबंधन का साक्ष्य मिलने के बाद प्रारंभिक जांच की गई। शनिवार को अपने पुत्र के गलत तरीके से जन्म प्रमाणपत्र बनवाने वाले राजकुमार दास और प्रज्ञा केंद्र संचालक पुरुषोत्तम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। दोषियों को चिह्नित कर कठोर कानूनी कार्रवाई होगी।

-कुमार अविनाश, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, दुमका

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