Niraj Singh Murder Case: पूर्व विधायक संजीव को लगी मनोभ्रंश की बीमारी, इसी आधार पर जमानत की गुहार; 4 साल से हैं भीतर

Niraj Singh Murder Case पूर्व विधायक संजीव सिंह 11 अप्रैल 2017 से जेल में बंद है। झारखंड सरकार ने उन्हें धनबाद से दुमका जेल में शिफ्ट कर दिया है। संजीव की जमानत अर्जी 20 सितंबर 2017 एवं 11 अक्टूबर 18 को धनबाद की अदालत ने खारिज कर दी थी ।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 09:56 AM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 09:56 AM (IST)
Niraj Singh Murder Case: पूर्व विधायक संजीव को लगी मनोभ्रंश की बीमारी, इसी आधार पर जमानत की गुहार; 4 साल से हैं भीतर
झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के पति नीरज सिंह की हत्या के मामले में बीते चार वर्ष से जेल में बंद झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह ने धनबाद कोर्ट में एक बार फिर जमानत अर्जी दायर कर जमानत पर मुक्त करने की गुहार लगाई है। अधिवक्ता मो. जावेद ने बताया कि जमानत अर्जी पर बुधवार को सुनवाई होगी। संजीव की ओर से दायर 18 पन्ने के जमानत अर्जी में विधायक के बचाव मे दलील देते हुए कहा गया है कि 37 गवाहों का परीक्षण अदालत मे हो चुका है। सभी के बयान विरोधाभाषी हैं।  संजीव सुनवाई मे अदालत का पूरा सहयोग कर रहे हैं। उनकी तबियत काफी खराब है।

डिमेंशिया की बीमारी, रक्तचाप में गिरावट

चार से जेल के अंदर रहने के कारण पूर्व विधायक भाजपा नेता संजीव सिंह को डिमेंशिया (मनोभ्रंश) की बीमारी हो गई है। वह फिलहाल दुमका सेट्रल जेल में हैं। दुमका जेल में उनका रक्तचाप लगातार गिर रहा है। आरोप गठन के दो वर्ष से अधिक हो गए हैं। परंतु अब तक ट्रायल पूरा नहीं हुआ है। जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने मामले के त्वरित निस्तारण का आदेश दिया था। अभियोजन 31 जनवरी 20 के बाद से इस मामले में गवाह पेश नहीं कर रहा है। यह धारा 309 सीआरपीसी का उल्लंघन है।

चार वर्षों से जेल मे है संजीव

पूर्व विधायक संजीव 11 अप्रैल, 17 से इस मामले में जेल में बंद है। फिलवक्त वह दुमका जेल में बंद है। जिनके विरुद्ध पुलिस ने 28 जून 2017 को आरोप पत्र दायर किया था। संजीव की जमानत अर्जी 20 सितंबर 2017 एवं 11 अक्टूबर 18 को धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने खारिज कर दी थी । जिसके बाद झारखंड उच्च न्यायालय ने भी 7 फरवरी 19 को संजीव को जमानत देने से इन्कार करते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। 3 जनवरी 19 को अदालत ने संजीव समेत छह के विरूद्ध आरोप का गठन कर दिया था। 

नीरज समेत चार की हुई थी हत्या

धनबाद में हुए इस सबसे बड़े शूटआउट को स्टील गेट के पास दिनदहाड़े अंजाम दिया गया था। 21 मार्च 2017 के संध्या 7 बजे नीरज सिंह अपने फाॅच्यूनर कार जेएच10एआर-4500 से सरायढ़ेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। वह ड्राईवार के साथ आगे सीट पर बैठे थे। पीछे के सीट पर उनका सहायक सरायढ़ेला न्यू काॅलोनी निवासी अशोक यादव और निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी बैठे थे। स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की गाड़ी की रफ्तार कम होते ही दो बाईक पर सवार कम से कम 4 हमलावरों ने उनकी कार को चारों तरफ से घेर लिया। इसके बाद कार पर गोलियों की बरसात कर दी गई। चारों तरफ से 9 एमएम की पिस्टल और कारबाईन से 50 से अधिक राउंड फायरिंग की गई। घटना के बाद आसपास के इलाकों में भगदड मच गयी थी। गाड़ी में सवार अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राईवर घलटू महतो और नीरज सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी।

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