Jharkhand Politics: बाबूलाल ने स्पीकर पर कसा तंज, कहा-झामुमो के नाराज विधायक को चुन लें नेता प्रतिपक्ष
Jharkhand Politics झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को लेकर राजनीति गरम है। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को झामुमो के किसी नाराज विधायक को नेता प्रतिपक्ष चुन लेना चाहिए।
मैथन, जेएनएन। झारखंड विधानसभा में विधायक दल का नेता पद का मामला लटका कर रखने और इस मुद्दे पर भाजपा की तरफ से नए नाम का प्रस्ताव मिलने पर विचार करने संबंधी विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने तंज कसा है। उन्होंने कहा है-विधानसभा अध्यक्ष के पास विरोधी दल के नेता का चयन करने का अधिकार है। वह किसी को भी चुन सकते हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो के कई विधायक नाराज हैं। उनमें से किसी एक को विरोधी दल का नेता चुन लेना चाहिए।
एक साल से ज्यादा समय से लटका नेता प्रतिपक्ष का मामला
झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 के बाद राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झामुमो गठंबधन की सरकार बनी। लेकिन एक साल से ज्यादा समय से विधानसभा में विरोधी दल का नेता पद खाली पड़ा है। झारखंड विकास मोर्चा ( प्रो) के भाजपा में विलय के बाद पार्टी के विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को अपना नेता चुना। भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो पत्र लिखकर बाबूलाल मरांडी को प्रतिपक्ष का मान्यता देने की मांग की। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने दल-बदल का हवाला देते हुए मामले को लटका दिया। एक साल से ज्यादा समय से मामला लटका हुआ। इसे लेकर झामुमो, भाजपा और विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से आए दिन बयानबाजी होती रहती है। नया विवाद विधानसभा अध्यक्ष के इस बयान पर खड़ा हुआ है जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा अगर बाबूलाल मरांडी के बदले किसी और विधायक का नाम देती है तो विचार किया जाएगा।
आइआइटी-आइएसएम विस्तार से पहले विस्थापितों का पुनर्वास जरूरी
भाजपा नेता पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव प्रचार में जाने के क्रम में गुरुवार की रात मैथन स्थित डीवीसी के चेयरमैन कैंप हाउस में ठहरे थे। शुक्रवार सुबह मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आइआइटी-आइएसएम का विस्तार हो, लेकिन गरीबों का घर उजाड़ कर नहीं। पहले गरीबों के पुनर्वास की व्यवस्था हो तब विकास के कार्य किए जाय। हम विकास के विरोधी नहीं हैं पर गरीब का घर उजाड़ कर विकास न्याय संगत नहीं है। पहले उनका पुनर्वास हो। आइआइटी-आइएसएम के विस्तार के लिए मैथन में जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है जिसमें कई मकान भी बने हुए हैं। लोगों को निरसा अंचलाधिकारी ने हटने का नोटिस किया है। प्रभावित लोगों ने बाबूलाल से मिलकर पूरे मामले की जनकारी दी। इसके बाद मरांडी ने कहा कि पहले पुनर्वास होना चाहिए। इस मौके पर भाजपा ग्रामीण जिलाध्यक्ष ज्ञानरंजन सिन्हा, गणेश मिश्रा, चिरकुंडा नगर परिषद अध्यक्ष डबलू बाउरी, उपाध्यक्ष जय प्रकाश सिंह, संजय सिंह, रविंद्र साहनी, मंगल बाउरी, अमर शाह, दीपा दास, अजय कुमार ,शंभू सिंह आदि मौजूद थे।