Fisheries: धनबाद नगर निगम और मत्सय पालकों का विवाद खत्म, शहर के तालाबों की बंदोबस्ती में मिलेगी प्राथमिकता

धनबाद नगर निगम की ओर से शहरी क्षेत्र के सभी तालाबों को अपने अधीन कर लिया गया था। इसके बाद निगम ने इन तालाबों की बंदोबस्ती खुले डाक से करने की घोषणा की। इस कारण मत्स्यजीवी सहयोग समितियों से जुड़े मछली पालक नाराज हो गए।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 14 Feb 2021 09:58 AM (IST) Updated:Sun, 14 Feb 2021 10:04 AM (IST)
Fisheries: धनबाद नगर निगम और मत्सय पालकों का विवाद खत्म, शहर के तालाबों की बंदोबस्ती में मिलेगी प्राथमिकता
धनबाद नगर निगम क्षेत्र के तालाबों में मछली पालन की होगी बंदोबस्ती ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। शहरी तालाबों में मछली पालन की बंदोबस्ती को लेकर उत्पन्न धनबाद नगर निगम और मछली पालकों के बीच का विवाद सरकार ने समाप्त कर दिया है। शहर में जितने भी तालाब हैं वहां मछली पालन का पहला अधिकार मत्स्यजीवी सहयोग समितियों का होगा। सरकार की ओर से नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में यह साफ कर दिया गया है कि नगर निगम तालाबों की बंदोबस्ती में मत्स्यजीवी सहयोग समितियों को प्राथमिकता देगी। सरकार के इस फैसले पर स्थानीय मछली पालकों में खुशी का माहौल है।

बताते चलें कि धनबाद नगर निगम की ओर से शहरी क्षेत्र के सभी तालाबों को अपने अधीन कर लिया गया था। इसके बाद निगम ने इन तालाबों की बंदोबस्ती खुले डाक से करने की घोषणा की। इस कारण मत्स्यजीवी सहयोग समितियों से जुड़े मछली पालक नाराज हो गए। मछली पालकों ने सांसद पशुपतिनाथ सिंह के माध्यम से निगम की बंदोबस्ती का विरोध शुरू कर दिया। मामला सामने आने के बाद नगर विकास विभाग ने इस पर संज्ञान लिया और मत्स्यजीवि सहयोग समितियो को प्राथमिकता देने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी।

सांसद प्रतिनिधि सह मत्स्यजीवी सहयोग समिति से जुड़े अजय निषाद ने बताया कि धनबाद और झरिया क्षेत्र में करीब 84 तालाब हैं। जिनमें विभिन्न मत्स्य जीवी सहयोग समितियां मछली पालन का कार्य करती हैं। इनसे करीब पांच हजार लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है। निगम की खुली डाक बंदोबस्ती के कारण ये समितियां मछली पालन नहीं कर पाती। पूंजीपतियों के हाथों में तालाब चले जाते। वर्तमान अधिसूचना से मछली पालकों को राहत मिली है। सभी अपना रोजगार कर पाएंगे।

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