Jharkhand Lokayukta के निर्देश पर संत रविदास कल्याण समिति रांची के सचिव पर देवघर में प्राथमिकी दर्ज
प्राक्कलन के मुताबिक मानकों का पालन नहीं किया गया। करीब 15.68 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया। इसके बाद इसकी शिकायत लोकायुक्त तक पहुंची। प्राथमिकी में कहा गया है कि लोकायुक्त ने संस्था के सचिव को गबन की गई रकम लौटाने का नोटिस भी भेजा था।
देवघर, जेएनएन। झारखंड लोकायुक्त के आदेश पर सरकारी राशि के गबन का मामला पथरोल थाने में सोमवार को दर्ज हुआ है। झारखंड राज्य अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम के जिला कार्यपालक पदाधिकारी अशोक प्रसाद ने प्राथमिकी संत रविदास कल्याण समिति रांची के सचिव मानिक चंद्र राम पर दर्ज कराई है। इसमें उन पर 15,68,710 रुपये के गबन करने का आरोप लगाया है।
दरअसल, यह मामला 2016 का है। संस्था और झारखंड राज्य अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम के बीच करार हुआ। इसके तहत संस्था को पथरोल थाना क्षेत्र के बड़ा संघरा एवं पथरा में साइन बोर्ड, सोलर वाटर सिस्टम, डीप बोरिंग एवं सामुदायिक भवन निर्माण के काम कराने थे। इसके लिए निगम की ओर से 34,97,350 रुपये आवंटित हुए। संस्था ने सामुदायिक भवन का काम पूरा ही नहीं किया। पानी टंकी का काम भी अधूरा छोड़ दिया। राष्ट्रीय ग्रामीण विकास कार्यक्रम के कनीय अभियंता शैलेंद्र कुमार से जब जांच कराई गई तो निर्माण में भी खामियां मिलीं। इससे साफ हुआ कि काम में अनियमितता बरती गई है।
प्राक्कलन के मुताबिक मानकों का पालन नहीं किया गया। करीब 15.68 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया। इसके बाद इसकी शिकायत लोकायुक्त तक पहुंची। प्राथमिकी में कहा गया है कि लोकायुक्त ने संस्था के सचिव को गबन की गई रकम लौटाने का नोटिस भी भेजा था। बावजूद संस्था की ओर से रकम नहीं लौटाई गई। 22 जुलाई 2019 के आदेश के आलोक में प्राथमिकी की कार्रवाई की गई।