Nishikant Dubey: कथित रूप से दस्तावेजों में हेरफेर कर जमीन खरीद में घिरे गोड्डा सांसद, देवघर में दुबे व उनकी पत्नी पर FIR
Nishikant Dubey गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी के नाम जमीन खरीदने की जांच को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। 20 करोड़ की जमीन3 करोड़ में खरीद का आरोप है।
देवघर/रांची, जेएनएन। Member of Parliament Nishikant Dubey गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ( Nishikant Dubey) और उनकी पत्नी अनामिका गौतम के खिलाफ औने-पौने दाम में बेनामी जमीन अपने नाम कराने और सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर जालसाजी करने और नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया गया है। सोमवार को देवघर के बम्पास टाउन निवासी विष्णुकांत झा ने देवघर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। झा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी पत्र लिखकर जांच की मांग की है। पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव, सीआइडी एडीजी समेत देवघर एसपी को दी गई है।
20 करोड़ की जमीन 3 करोड़ में खरीदी
आवेदन में कहा गया कि नगर थाना अंतर्गत तिवारी चौक के पास एलओकेसी धाम की लंबी-चौड़ी बेनामी जमीन अनामिका के नाम से पिछले वर्ष 20 अगस्त को खरीदी गई। सांसद ने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर अधिकारियों की मिलीभगत से 20 करोड़ की जमीन तीन करोड़ में रजिस्ट्री कराई। विष्णुकांत ने देवघर के रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार, देवघर सीओ, अनामिका, शेषाद्री दुबे व अनामिका के अधिवक्ता पर शपथपत्र में छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। यह भी आरोप लगाया कि इतनी बड़ी रकम नकद देने का प्रावधान नहीं है। इसलिए मामला मनी लांड्रिग व सरकार के साथ धोखाधड़ी करने तथा सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाने का है। उन्होंने जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत
वहीं मुख्यमंत्री को पत्र में कहा गया है कि देवघर में जिस जमीन पर निशिकांत ने मकान बनाया है उसका भुगतान किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया गया है। मांग की गई है कि निशिकांत और ध्रुवकांत कुशवाहा के बीच संबंध का पता लगाया जाए, क्योंकि सांसद ने जिस जमीन पर घर बनाया है, वह कार्निवाल इंपीरियो एलएलबी के नाम से निबंधित है, जिसका प्रतिनिधित्व कुशवाहा ने किया था।
जांच को लेकर हाई कोर्ट में भी दायर हुई याचिका
गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे (Godda MP Nishikant Dubey) की पत्नी के नाम जमीन खरीदने की जांच को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। प्रार्थी राम आयोध्या शर्मा की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने याचिका दाखिल की और मामले की जांच इनकम टैक्स विभाग से कराने की मांग की गई है। तीन करोड़ का नकद भुगतान नियमों का उल्लंघन बताया गया।