खरीफ फसल के बिचड़े डालने के लिए किसान खेतों को कर रहे तैयार Dhanbad News
मई माह के शुरुआत में हुई बारिश भले ही कृषकों के सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचाया हो पर खरीफ फसल की तैयारी के लिए अच्छा साबित हो रहा है। अपने खेतों की जुताई कर मिट्टी जनित कीटों से अपना फसल को नुकसान होने से बचाने में सफल रहेंगे।
निरसा, जेएनएन: मई माह के शुरुआत में हुई बारिश भले ही कृषकों के सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचाया हो पर खरीफ फसल की तैयारी के लिए अच्छा साबित हो रहा है। मई माह के पहले पखवारे में हुई बारिश से किसान खरीफ फसल के बिचड़े लगाने से पूर्व अपने खेतों की जुताई कर मिट्टी जनित कीटों से अपना फसल को नुकसान होने से बचाने में सफल रहेंगे। निरसा प्रखंड के ज्यादातर हिस्सों में मई माह में हुई बारिश के बाद किसान अपने खेतों में धान के बिचड़े लगाने के पूर्व खेत की जुताई कर चुके हैं। एक सप्ताह बाद रोहिणी नक्षत्र आने वाला है। निरसा प्रखंड के ज्यादातर किसान रोहिणी नक्षत्र में धान के बिचड़े खेतों में बोने का काम करते हैं। रोहिणी नक्षत्र के पूर्व किसानों को खेतों में बिचड़े डालने से पूर्व जुताई करने का मौका मिल गया। किसान अनुमान लगा रहे हैं कि इस वर्ष अच्छी बारिश होगी और धान की अच्छी फसल मिलेगी।
धान के बिचड़े लगाने के पूर्व जुताई से खेतों को होते फायदे
निरसा प्रखंड तकनीकी प्रबंधक जावेद इस्लाम ने बताया कि खरीफ फसल लगाने के पूर्व किसानों को कहा जाता है कि अप्रैल या मई माह में अपने खेतों की गहरी जुताई कर मिट्टी को पलट दें। धान के बिचड़े लगाने के पूर्व खेत की जुताई करने से अंदर मिट्टी में छुपे कीटाणु,उनके अंडे एवं पीपा धूप की गर्मी मे मर जाते हैं। साथ ही मिट्टी जनित फफूंद व कवक भी धूप की गर्मी से मर जाते हैं या चिड़िया उन्हें अपना निवाला बना लेती है। इससे मिट्टी जनित बीमारियां से फसल को सुरक्षा मिलती है।उन्होंने बताया कि फफूंद या कवक तीन प्रकार से बीज,हवा व मिट्टी के माध्यम से आते हैं। अप्रैल या मई माह में 6 इंच जमीन की जुताई कर मिट्टी पलट देने से सूरज की गर्मी व धूप से मिट्टी जनित पतंगे समाप्त हो जाते हैं। खेत की जुताई कर किसान 10 दिन उसे छोड़ दें। उसमें धूप लगने दें। इससे कीट पतंगे समाप्त हो जाएंगे।
रोहिणी नक्षत्र में किसानों को उपलब्ध हो जाएगा बीज :
बीटीएम जावेद इस्लाम ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में निरसा के किसानों के लिए पैक्स में खरीफ फसल का बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध हो जाएगा। झारखंड के कई जिलों में बीज उपलब्ध भी हो चुका है। धनबाद जिले में रोहिणी नक्षत्र में किसानों को बीज उपलब्ध हो जाएगा। इस संबंध में वरीय पदाधिकारियों से बात हो चुकी है।
सब्जी की फसलों को हुआ नुकसान
निरसा प्रखंड के चैनपुर निवासी कृषक सह कृषक मित्र रमेशचंद्र महतो ने बताया कि मई के शुरुआत में हुई बारिश के कारण खेत में सब्जी की फसलों को नुकसान हुआ है। खासकर लत वर्गीय सब्जी की फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है। परंतु बारिश के कारण किसानों को खेत की जुताई कर उसे बिचड़े डालने के लिए तैयार करने में आसानी भी हो रही है।