Champai Soren का शव दुर्गापुर से घर लाकर स्वजनों ने देखा चेहरा तो मचा कोहराम, पढ़ें अस्पताल की घोर लापरवाही की कहानी
IQ Hospital Negligence अस्पताल में धनबाद के निरसा के चंपाई सोरेन की माैत हो गई। इसके बाद प्रबंधन ने सोरेन के परिजनों को शव साैंप दिया। एंबुलेंस से शव को लाया गया। परिवार के लोगों ने शव को देखने के लिए कवर हटाया तो चेहरा देख सब दंग रह गए।
दुर्गापुर, हृदयनंद गिरी । IQ City Hospital Durgapur से एंबुलेंस पर चंपाई सोरेन का शव धनबाद जिले के निरसा स्थित सिजुआ गांव लाया गया। इसके बाद शव को एंबुलेंस से नीचे उतार एक स्थान पर रखा गया। सोरेन को देखने के लिए उनके घर पर स्वजन और समाज के लोगों का जुटान हो चुका था। स्वजनों ने शव के ऊपर से कवर हटाया तो चेहरा देख कोहराम मच गया। शव सोरेन का नहीं था। किसी और का था। यह कैसे और क्या हो गया ? स्वजनों ने अस्पताल प्रबंधन को फोन लगाया तो किसी तरह का स्पष्ट जवाब नहीं मिला। इसके बाद वे शव को लेकर पश्चिम बंगाला के दुर्गापुर स्थित आइक्यू सिटी अस्पताल पहुंचे। वहां खूब तमाशा हुआ। अस्पताल प्रबंधन अपनी गलती मानने को तैयार नहीं था।
आइक्यू सिटी अस्पताल, दुर्गापुर
क्या है मामला
निरसा थाना अंतर्गत सिजुआ निवासी 49 वर्षीय चंपई सोरेन की मौत बुधवार की शाम दुर्गापुर आइक्यू सिटी अस्पताल में हुई थी। उसी रात दुर्गापुर के इच्छापुर गांव निवासी 78 वर्षीय सामंत की भी मौत अस्पताल में हुई थी। गुरुवार सुबह दोनों के परिवार को अस्पताल प्रबंधन ने शव सौंपा। लेकिन यहां एक भूल हो गई। दुर्गापुर के परेश का शव धनबाद के निरसा पहुंच गया और चंपाई को शव दुर्गापुर। निरसा के सिजुआ पहुंच कर कवर हटाया गया तो पता चला कि यह शव चंपाई को न होकर किसी और का है।
परेश के स्वजन शव लेकर पहुंच गए थे कोलकाता के त्रिवेणी घाट
चंपाई का शव लेकर घर पहुंचे स्वजनों ने कवर हटाकर देखा तो शव किसी और का था। जबकि परेश के स्वजनों ने तो घर में शव का कवर हटाकर चेहरा तक नहीं देखा। चूंकि कोलकाता के नजदीक त्रिवेणी घाट पर अंतिम संस्कार करने का प्लान था। इसलिए स्वजन एंबुलेंस से शव को लेकर कोलकाता पहुंच गए। वहां जब दाह-संस्कार के लिए कवर हटाया गया तो किसी और का निकला। इसके बाद सबके होश उड़ गए। फिर शव को लेकर दुर्गापुर स्थित आइक्यू सिटी अस्पताल पहुंचे।
त्रिवेणी घाट, हुगली
लंबे इंतजार के बाद देर रात हुआ शवों की अदला-बदली
चंपाई के स्वजन शव लेकर दुर्गापुर पहुंचे। ऊधर परेश के स्वजन भी शव लेकर पहुंचे। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन की देख-रेख में शवों की अदला-बदली हुई। इस अमानवीय घटना के लिए दोनों के स्वजनों ने अस्पताल प्रबंधन को दोषी ठहराया। वहीं अस्पताल ने अपनी गलती मानने से इन्कार कर दिया। अस्पताल के CEO परमहंस मिश्रा का कहना है, शव को देने से पहले स्वजनोंं को दिखायाा गया था। उन्होंने गलती से दूसरेे शव केेेे शव को एंबुलेंस में लेकर चले गए।