CAA-NRC की ऐसी-तैसी... यहां चार हजार में बनता VOTER ID और ADHAR, बांग्लादेशी नागरिक ने खोला भेद; जानिए

बेलाल 21 सितंबर 2019 को बांग्लादेश से भारत में दाखिल हुआ। 20 दिसंबर को धनबाद में पकड़ा गया। और इतने ही दिन यानी तीन महीने में उसका भारतीय वोटर कार्ड और आधार कार्ड बन गया।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 21 Dec 2019 11:15 AM (IST) Updated:Sat, 21 Dec 2019 11:15 AM (IST)
CAA-NRC की ऐसी-तैसी... यहां चार हजार में बनता VOTER ID और ADHAR, बांग्लादेशी नागरिक ने खोला भेद; जानिए
CAA-NRC की ऐसी-तैसी... यहां चार हजार में बनता VOTER ID और ADHAR, बांग्लादेशी नागरिक ने खोला भेद; जानिए

धनबाद [ जागरण स्पेशल ]। भारत में विदेशी घुसपैठियों के प्रवेश करने से रोकने, उसे वापस भेजने और अपने नागरिकों की पहचान के लिए बनाए जा रहे नियम-कानून अपनी जगह पर है। इन नियम-कानूनों का भारत में अवैध तरीके से नागरिक बन रहने वालों को कोई परवाह नहीं है। ऐसे लोगों को भारत का नागरिक बनाने और भारत में ही बसाने में मदद करने वालों की भी कोई कमी नहीं है। वे चार से पांच हजार रुपये लेकर VOTER ID और ADHAR Card जारी कर पक्का नागरिक बनाने की गांरटी देते हैं। अगर विश्वास न हो तो बांग्लादेश के मोहम्मद बेलाल के भारत में बिलाल बन जाने की कहानी जान लीजिए। इस कहानी की रोशनी में समझा जा सकता है कि भारतीय नागरिकता कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) को लेकर देश में कोहराम क्यों मचा है?

बांग्लादेशी बेलाल तीन माह बना भारत भूमि का नागरिक,  हाथ में आधार-वोटर कार्ड 

बांग्लादेश का मोहम्मद बेलाल अमृतसर से कोलकाता के बीच चलने वाली दुर्गियाना एक्सप्रेस (12358) में बगैर टिकट सफर पर था। टिकट चेकिंग के दाैरान 20 दिसंबर को धनबाद रेलवे स्टेशन पर बगैर टिकट यात्रा करने के आरोप में पकड़ा गया। जांच शुरू हुई तो सबके होश उड़ गए। वह वैध वीजा के माध्यम से 21 सितंबर 2019 को आया। भारत के लिए जारी विजिटिंग वीजा की अवधि आठ सिंतबर 2019 से सात सितंबर 2020 तक है। वह 21 सितंबर को बांग्लादेश से भारत में दाखिल हुआ था। 20 दिसंबर को धनबाद में पकड़ा गया। और इतने ही दिन यानी तीन महीने में उसका भारतीय वोटर आइ कार्ड और आधार कार्ड बन गया। दोनों में उसका पता पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना का ढाकापाड़ा दर्ज है। आधार कर्नाटक राज्य तो वोटर कार्ड पं. बंगाल से जारी है। आरपीएफ इंस्पेक्टर अविनाश करोसिया और आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट हेमंत कुमार ने पूछताछ की तो बेलाल ने बताया कि दोनों कार्ड प. बंगाल के दलाल के माध्यम से बनवाया है। इसके लिए चार हजार रुपये दिए थे। अब रेल पुलिस आधार और वोटर कार्ड बनवाने वाले दलाल के नेटवर्क की टोह ले रही है।

जेल में बंद भाई से मिलने लखनऊ, नागरिक बन करने लगा काम

धनबाद रेल पुलिस द्वारा गिरफ्तार बांग्लादेश का मोहम्मद बेलाल कथित रूप में लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित जेल में बंद अपने भाई से मिलने भारत आया था। जेल में बंद भाई से मिलकर ही कोलकाता जा रहा था कि इसी बीच धनबाद स्टेशन पर पकड़ा गया। उसके पास से बांग्लादेश और यूएई का पासपोर्ट मिला। दूसरे देशों के पैसे भी मिले। पूछताछ में बेलाल ने बताया कि वह लखनऊ जेल में बंद अपने भाई से मिलने आया था। इसके लिए उसे विजिटिंग वीजा जारी हुआ था। वह भारत में ही रहने लगा और दलाल के माध्यम से आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनवा लिया। फैक्ट्री में काम करने लगा। दो देशों के बीच का मामला होने और अलग-अलग राज्यों में हो रही हिंसा के मद्देनजर रेल महकमे ने संजीदगी के साथ इस मामले में पूरी छानबीन के बाद बांग्लादेशी नागरिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पूछताछ के बाद रेल पुलिस बिलाल को जेल भेजने की तैयारी में है।

आबूधाबी में भी काम कर चुका बांगलादेशी युवक

बांग्लादेशी युवक के पास से बरामद दस्तावेज के मुताबिक वह आबू धाबी में भी काम चुका है। आबू धाबी में वह 14 जून 2017 से 13 जून 2018 तक रहा था। वहां उसका नाम मोहम्मद बेलाल जमशेद अली था। भारत में उसका पहचान पत्र बिलाल के नाम से बना है। भारत आने से पहले बिलाल बांग्लादेश के सिलहेट जिले में ताजपुर ओसमानी नगर में हामिद ट्रेडर्स नामक प्रतिष्ठान में मैनेजर के तौर पर काम कर रहा था। भारत आने से पहले उसने प्रतिष्ठान के मालिक अब्दुल हामिद से अनुमति भी ली थी। उसके पास वह अनुमति पत्र भी मिला है। संदेह के आधार पर उसके डॉक्यूमेंट की जांच की गई। इस दौरान उसके पास से बांग्लादेश का पासपोर्ट, यूएई का पासपोर्ट, दुबई का पासपोर्ट, डॉलर और बांग्लादेश करेंसी बरामद किया गया।

डिप्टी सीआइटी को रेलवे करेगी पुरस्कृत

बांग्लादेशी नागरिक को पकड़ने वाले डिप्टी सीआइटी कुमार गौरव के 20 दिसंबर को सुबह छह बजे से ड्यूटी पर था। 8.02 पर 12358 डाउन दुर्गियाना एक्सप्रेस धनबाद पहुंची। मैं जनरल कोच की ओर गया और टिकट चेकिंग शुरू की। जनरल कोच में बैठे एक शख्स से टिकट मांगने पर उसने कहा, टिकट नहीं है। फाइन के साथ टिकट बनाने की बात कही गई। इस बीच जब उसे पहचान पत्र दिखाने की बात कही गई तो उसने बांग्लादेश का पासपोर्ट दिखाया और छोड़ देने की बात कही। विदेशी पासपोर्ट देखते ही डिप्टी सीआइटी कुमार गौरव ने उसे उतार लिया और सीआइटी चेंबर में ले गये। पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद वरीय अधिकारियों को सूचना दी। उसके बाद बेटिकट यात्री को आरपीएफ को सौंप दिया। बांग्लादेशी नागरिक को पकडऩे वाले डिप्टी सीआइटी कुमार गौरव को रेलवे पुरस्कृत करेगी। एडीआरएम ऑपरेशन आशीष कुमार झा ने कहा कि तत्परता से ड्यूटी करने वाले कर्मचारी को सम्मान से नवाजा जाएगा।

बांग्लादेशी नागरिक कर्नाटक के किसी फैक्ट्री में काम कर रहा था। उसके पास मौजूद वीजा-पासपोर्ट तो ठीक है। पर उसने भारतीय पहचान पत्र व आधार कार्ड गलत तरीके से बनाया है। इस मामले में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेजा जाएगा।

-एचएन सिंह, इंस्पेक्टर जीआरपी, धनबाद

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