बंगाल चुनाव में ढुलू की पूछ नहीं, डिमांड में रहे पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल व पार्टी के नेता गणेश मिश्रा
पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो-दो सभाओं की कमान संभाल कर पार्टी में अपनी उपयोगिता तो साबित की ही साथ ही विगत नेताओं के साथ अपनी पहुंच का प्रदर्शन कर जिला भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के माथे पर पसीना ला दिया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: चुनाव ड्यूटी नेताओं के लिए अपनी लोकप्रियता साबित करने का बड़ा अवसर होता है। अपनी पूछ परख बढ़ाने और आगे के लिए नई संभावनाएं टटोलने का भी महत्वपूर्ण अवसर देता है। इस लिहाज से देखें तो जिला भाजपा में चंद्रशेखर अग्रवाल फिलहाल नंबर 1 पर चल रहे हैं, जबकि सांसद पीएन सिंह और विधायक ढुलू महतो घर बैठे हैं। उनके अलावा तमाम दिग्गज भाजपाई चुनाव-उपचुनाव में पसीना बहा रहे हैं।
पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो-दो सभाओं की कमान संभाल कर पार्टी में अपनी उपयोगिता तो साबित की ही, साथ ही विगत नेताओं के साथ अपनी पहुंच का प्रदर्शन कर जिला भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के माथे पर पसीना ला दिया है।
वही गणेश मिश्रा ने एक बार फिर स्वयं को संगठन का आदमी साबित किया। निरसा विधानसभा में चंद वोटो के अंतर से हारने के बावजूद अगले चुनाव में टिकट कटने का उन्होंने कोई विरोध नहीं किया, बल्कि पार्टी प्रत्याशी का साथ दिया। फिर बिहार चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब पश्चिम बंगाल चुनाव में 57 विधानसभा सीटों पर पार्टी की चुनाव प्रक्रिया को निर्देशित करने का दायित्व संभाले हुए हैं।
अपर्णा सेनगुप्ता पश्चिम बंगाल तो सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो पश्चिम बंगाल के बाद मधुपुर उपचुनाव में पसीना बहा रहे हैं। धनबाद विधायक राज सिन्हा भी मधुपुर उपचुनाव में रुठे कार्यकर्ताओं को मनाने से लेकर जनता को गोलबंद करने तक में लगे हुए हैं। ऐसी परिस्थिति में बाघमारा विधायक ढुलू महतो और सांसद पीएन सिंह का अभी तक चुनाव प्रक्रिया से दूर रहना समझ से परे है। सांसद तो हाल ही में कोरोना से उबरे हैं, लेकिन ढुलू के साथ ऐसी कोई समस्या भी नहीं है। पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही स्थापित नेताओं की पूछ घटने पर पार्टी के कार्यकर्ता भी तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं।