पांच वर्ष से मोबाइल तक नहीं खरीद पाया हूं तो ई-पास कहां से बनाऊंगा बाबू

धनबाद सरायढेला इलाके में पुलिस ने ई-पास की जांच करने के लिए रविवार सुबह से ही सघन चेकिग अभियान चलाया। रविवार को दर्जनों लोग पकड़े गए। लेकिन कई लोगों ने पुलिस को अपना हाल बयां कर वहां से निकल लिए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 02:10 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 02:10 AM (IST)
पांच वर्ष से मोबाइल तक नहीं खरीद पाया हूं तो ई-पास कहां से बनाऊंगा बाबू
पांच वर्ष से मोबाइल तक नहीं खरीद पाया हूं तो ई-पास कहां से बनाऊंगा बाबू

जागरण संवाददाता, धनबाद : सरायढेला इलाके में पुलिस ने ई-पास की जांच करने के लिए रविवार सुबह से ही सघन चेकिग अभियान चलाया। रविवार को दर्जनों लोग पकड़े गए। लेकिन कई लोगों ने पुलिस को अपना हाल बयां कर वहां से निकल लिए। मंसू मंडल नामक एक 50 वर्षीय सब्जी विक्रेता ने तो पुलिस की बोलती ही बंद कर दी। हुआ यूं कि सब्जी विक्रेता को एक सिपाही ने पकड़ा और उससे ई-पास दिखाने के लिए कहा। सब्जी विक्रेता थोड़ी देर तक सोचने लगा और फिर कहा कि ई-पास क्या होता है बाबू। इस पर सिपाही ने बताया कि कोरोना में घर से बाहर निकलने के लिए ऑनलाइन ई-पास दिया जा रहा है, जिसे मोबाइल व कंप्यूटर से निकलना पड़ता है। इस पर सब्जी विक्रेता ने कहा कि पिछले पांच वर्षों से वह सब्जी बेच रहा है, पर आज तक मोबाइल नहीं खरीद पाया हूं। उसके घर में सात लोग रहते हैं, उन सभी का पेट व सब्जी बेचकर ही भरते हैं। छोड़ो बाबू जाने दो, देर हो जाएगी। सब्जी बेचकर फिर टुंडी भी जाना होगा। सिपाही सब्जी विक्रेता की बात सुनकर हैरान था फिर उसे जाने दे दिया। इसी तरह कई लोग पकड़े गए। कुछ लोगों ने स्पष्ट तौर पर पुलिस से कहा कि घर में आटा चावल नहीं था।

ई-पास लेने के लिए सुबह से ही मोबाइल पर प्रयास कर रहा था लेकिन प्रशासन द्वारा जारी साइड ही नहीं खुल रहा था। इस पर भी पुलिस की बोलती बंद थी। कुछ लोगों ने तो आक्रोश भी जताया। उनलोगों का कहना था कि प्रशासन ने ई-पास अनिवार्य कर दिया पर सिस्टम फेल है, तो ऐसे में क्या कर सकते हैं।

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