Jumbo Attack In Giridih: झुंड से पिछड़े हाथी का दुकान पर हमला, दो को पटक कर माला डाला
Jumbo Attack In Giridih झारखंड के गिरिडीह में हाथियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। झुड से बिछड़े हाथी ने सरिया थाना क्षेत्र के अम्बाडीह गांव के पास एक दुकान में अचानक हमला बोल दिया। दो लोगों की माैत हो गई। मृतकों में सिकंदर रविदास और रोहित रविदास शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, सरिया (गिरिडीह)। हाथियों के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। गिरिडीह जिले के सरिया में ताजा घटना में हाथी ने दो को पटक-पटर कर माला डाला। जबकि एक बच्चा गंभीर रूप से जख्मी है। इस घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हैं। घटना की सूचना पाकर पहुंचे पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों को घेर विरोध दर्ज कराया। मरने वाले दोनों मजदूर हैं। वे सामान की खरदारी करने दुकान गए थे। इसी दाैरान हाथी हमले के शिकार हो गए।
घटना के बाद गांव में दहशत का आलम
सरिया थाना क्षेत्र के अंबाडीह गांव में गुरुवार की देर शाम लगभग 7:00 बजे हाथियों के झुंड से बिछड़ा जंगली हाथी अंबाडीह गांव घुसा। जहां अंबेडकर चौक स्थित दो व्यक्तियों को पटक कर मार डाला। मृतकों में रोहित दास (45) पिता स्वर्गीय घनश्याम दास तथा सिकंदर दास (32) पिता स्वर्गीय बद्री दास के नाम शामिल हैं। घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल है।
वन विभाग ने मुआवजा का आश्वासन देकर ग्रामीणों को कराया शांत
स्थानीय लोगों की माने तो घटना की सूचना वन विभाग तथा सरिया थाना को को दी गई। लेकिन काफी देर बाद वन विभाग के कर्मी हैदर अली पहुंचे एवं आक्रोशित लोगों को शांत कराते हुए घटना पर अफसोस जताया। साथ ही विभागीय प्रवधान के अनुसार मुआवजे की राशि का 25 प्रतिशत एक एक लाख रुपया देने की आश्वासन दिया गया एवं शेष राशि का की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी पीड़ित के परिजनों को वन विभाग के द्वारा मुहैया करवाए जाने की बात कही गई। वहीं मौके पर पहुंची सरिया थाना की पुलिस ने पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
दोनों अपने-अपने परिवार के इकलाैते कमाऊ सदस्य
इस घटना के बाद परिजनों में रो-रो कर बुरा हाल है। ग्रामीण वन विभाग की लापरवाही से काफी आक्रोशित हैं। इधर घटना की सूचना पाकर आजसू के बगोदर विधानसभा नेता अनूप कुमार पांडे तथा स्थानीय मुखिया मनोज कुमार गुप्ता पहुंचे तथा स्थिति का जायजा लेते हुए वन विभाग से उचित मुआवजे की मांग की। दोनों मृतक अपने-अपने घर के इकलौता कमाऊ सदस्य थे। दोनों मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। मृतकों के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है।