DMC: कोरोना काल में मृतकों की बढ़ी संख्या तो याद आया विद्युत शवदाह गृह, मोहलबनी के लिए टेंडर जारी
नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने बताया कि दो करोड रुपए का टेंडर निकाला गया है। जैसे ही कोई ठेकेदार या एजेंसी इसके लिए टेंडर डालती है प्रावधानों के अनुसार उसे काम दे दिया जाएगा। यह काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था। इसे प्राथमिकता के आधार पर तैयार करेगा।
धनबाद, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से लोगों की हुई मौत, शमशान घाटों पर लगी लंबी कतारें और लकड़ी की कमी को देखते हुए अब धनबाद नगर निगम ने विद्युत शवदाह गृह बनाने की योजना को मूर्त रुप दिया है। झरिया के मोहलबनी घाट पर जर्जर हो चुके विद्युत शव दाह गृह की जगह अब नया निर्माण किया जाएगा। ऐसे में शवों का अंतिम संस्कार करने को लेकर प्रशासन समेत आम लोगों को जो दिक्कतें हो रही थीं वह दूर होंगी। मोहलबनी स्थित विद्युत शव दाह गृह की दुर्दशा और नए निर्माण को लेकर दैनिक जागरण ने लगातार खबरें प्रकाशित की। इन खबरों पर संज्ञान लेते हुए नगर निगम ने करीब दो करोड़ रुपये की लागत से नया विद्युत शवदाह गृह बनाने की योजना को पास किया है। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है।
नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने बताया कि दो करोड रुपए का टेंडर निकाला गया है। जैसे ही कोई ठेकेदार या एजेंसी इसके लिए टेंडर डालती है, प्रावधानों के अनुसार उसे काम दे दिया जाएगा। यह काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था। नगर निगम अब इसे प्राथमिकता के आधार पर तैयार करेगा। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी जानलेवा लहर की चपेट में आकर हर दिन धनबाद जिले में दर्जनों लोग असमय मौत के शिकार हो रहे हैं। जिले के श्मशान घाटों में शवों के अंतिम संस्कार के लिए मृतक के स्वजनों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
बताते चलें कि मोहलबनी में माडा, जिला प्रशासन, बीसीसीएल और टाटा के सहयोग से 23 साल पहले विद्युत शव दाह गृह का निर्माण कराया गया था। यह कुछ दिनों तक कार्य करता रहा, लेकिन बाद के दिनाें में रख रखाव एवं देखभाल के अभाव में यह खंडहर बनाता चला गया। तीन-तीन बार इसका उद्घाटन भी हुआ, लेकिन यह कभी पूर्ण रूप से संचालित नहीं हो सका। बीते एक साल में उपायुक्त से लेकर नगर निगम के अधिकारियों ने यहां दौरा कर विद्युत शवदाह गृह की मरम्मति को लेकर तैयारियां तो की पर वह पूरी नहीं हो सकी। वर्ष 2020 में 70 लाख रुपये भी इसकी मरम्मति के लिए आवंटित किए गए थे।