चार विधानसभा को जोड़ेगी गोल बिल्डिंग से कांको मठ की सड़क
धनबाद गोल बिल्डिंग से कांको मठ तक बनने वाली सड़क एक नहीं चार विधानसभा को जोड़ेगी। इसमें धनबाद के साथ सिंदरी बाघमारा और टुंडी विधानसभा का कुछ क्षेत्र भी शामिल है। 20 किमी लंबी सड़क में 19 मौजा हैं।
धनबाद : गोल बिल्डिंग से कांको मठ तक बनने वाली सड़क एक नहीं चार विधानसभा को जोड़ेगी। इसमें धनबाद के साथ सिंदरी, बाघमारा और टुंडी विधानसभा का कुछ क्षेत्र भी शामिल है। 20 किमी लंबी सड़क में 19 मौजा हैं। इनमें दर्जनों गांव और बड़ी शहरी आबादी भी है। सड़क बन जाने से न सिर्फ जिले को बड़ी सौगात मिलती बल्कि निरसा, गोविंदपुर और बलियापुर से बोकारो और रांची जाने के लिए शहर में प्रवेश किए बगैर आसानी से पहुंचना मुमकिन होता। घनी आबादी वाले बैंक मोड़ अैर उस क्षेत्र में यातायात दबाव भी कम हो जाता। पर जनप्रतिनिधियों की लिखा-पढ़ी और राजनीतिक खींचतान ने बनी बनाई बात बिगाड़ दी। राज्य सरकार ने एकाएक काम रोक दिया। पहले तो महीनों काम रोक कर रखा गया। अब आठ लेन पर कैंची चलाने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। सरकार के आदेश पर अफसरों ने टीम ने आठ लेन सड़क की उपयोगिता परखी है और इसकी रिपोर्ट उपायुक्त सरकार को भेज चुके हैं। अब नगर विकास विभाग पर सबकी नजरें टिकी हैं। पहले ही कम की जा चुकी है लागत
विश्व बैंक पोषित इस सड़क को बनाने में पहले 417 करोड़ खर्च होने थे। खर्च में कटौती कर इसे 337 करोड़ किया गया। इसमें से 220 करोड़ मिल भी गये। इसमें 60 करोड़ स्टेट हाईवे ऑथरिटी ऑफ झारखंड यानी साज को स्थानांतरित किया जा चुका है। 160 करोड़ जिले में पड़ा है। कंस्ट्रक्शन में लगी दो कंपनियों को भी नौ करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। अब लागत में और कटौती के आसार :
आठ लेन सड़क में साइकिल ट्रैक, सर्विस लेन और फुटओवरब्रिज डीपीआर में शामिल था। अब इन पर कटौती की गई है। इन तीन जन उपयोगी सुविधाओं की कटौती कर लागत में और कमी लाए जाने के आसार हैं। हालांकि इनके शामिल रहने से सड़क हादसों को कम किया जा सकता था। इसलिए जरूरी साइकिल ट्रैक :
20 किमी लंबी इस सड़क पर प्रति दिन एक हजार साइकिल सवार चलते हैं। अलग-अलग दिन में यह संख्या घटती-बढ़ती रहती है। इस तरह औसतन प्रतिदिन 600 से 1300 साइकिल सड़क पर चल रही हैं। इनमें से लगभग 25 फीसद (150 से 300) साइकिल पीक ऑवर यानी सुबह नौ से दस बजे तक सिटी सेंटर से कांको मठ मोड़ तक सड़क का उपयोग कर रहे हैं। साइकिल की ध्यान में रखते हुए और मानक के अनुरूप दो मीटर चौड़ा साइकिल ट्रैक बनाया गया है। फुट ओवरब्रिज इसलिए जरूरी :
जिले में हर साल 250 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। दुर्घटना की जद में आने वालों में पैदल चलने वालों की संख्या भी अच्छी खासी है। इन सब वजहों को देखते हुए आठ लेन सड़क के डीपीआर में पशुओं के लिए पांच अंडर पास और दो फुट ओवरब्रिज का प्रावधान किया गया है। इसका भी तर्क दिया है कि इस सड़क में पशुओं का आवागमन भी लोगों से कम नहीं है। इसलिए पांच अंडरपास बनाया गया है। इसके अलावा एक फुट ओवरब्रिज स्कूल के पास और एक घनी बस्ती के पास बनाने का प्रावधान किया गया है।