500 से भी अधिक अभिभावकों ने महासंघ से की लिखित शिकायत

धनबाद जिले के पब्लिक स्कूल मनमानी पर उतर आए हैं। ये न तो सरकार का आदेश मान रहे हैं और ना ही न्यायालय के आदेश की परवाह है। जिले के पब्लिक स्कूल बिना फीस लिए बच्चों को आनलाइन क्लास भी नहीं करने दे रहे हैं। इससे परेशान अभिभावक अब शिक्षा विभाग पर ही सवाल उठाने लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Jul 2021 06:12 AM (IST) Updated:Mon, 12 Jul 2021 06:12 AM (IST)
500 से भी अधिक अभिभावकों ने महासंघ से की लिखित शिकायत
500 से भी अधिक अभिभावकों ने महासंघ से की लिखित शिकायत

जागरण संवाददाता, धनबाद : जिले के पब्लिक स्कूल मनमानी पर उतर आए हैं। ये न तो सरकार का आदेश मान रहे हैं और ना ही न्यायालय के आदेश की परवाह है। जिले के पब्लिक स्कूल बिना फीस लिए बच्चों को आनलाइन क्लास भी नहीं करने दे रहे हैं। इससे परेशान अभिभावक अब शिक्षा विभाग पर ही सवाल उठाने लगे हैं। वहीं शिक्षा विभाग स्कूलों से पत्राचार करने में लगा हुआ है। 500 से भी अधिक अभिभावकों ने खटखटाया संघ का दरवाजा :

जिले के कई पब्लिक स्कूलों ने चालाकी करते हुए वार्षिक फीस व अन्य मद की फीस को तीन से चार भागों में बांटकर मासिक फीस में जोड़ दिया है, जिसे जमा करने का लगातार दबाव बना रहे हैं। इससे परेशान अभिभावकों ने अभिभावक महासंघ दरवाजा खटखटाया है। विभिन्न पब्लिक स्कूलों के 500 से भी अधिक अभिभावकों ने लिखित शिकायत महासंघ को दी है। वहीं महासंघ ने भी शिक्षा विभाग पर दबाव बना रहा है। इस संबंध में डीएसई इंद्रभूषण सिंह ने कई पब्लिक स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण भी मांगा था। स्कूल ने बनाया शुल्क देन और नहीं देने वाले छात्रों क अलग-अलग ग्रुप : कुछ पब्लिक स्कूल पहले आनलाइन क्लास के लिए बनाए गए वाट्स एप ग्रुप से बच्चों को बाहर कर एक अलग ग्रुप बनाते है। वहीं दूसरी ओर शुल्क देने वाले बच्चों की आनलाइन कक्षाओं और परीक्षा का संचालन किया जाता है। लेकिन फीस नहीं देने वाले बच्चों के ग्रुप की परीक्षा नहीं ली जाती है। एक सप्ताह भी नहीं चला स्कूल मांग रहे वार्षिक शुल्क :

मार्च 2021 में कई स्कूलों ने आठवीं व नौवीं कक्षा के लिए स्कूल में आफलाइन कक्षाएं शुरू की थीं। 50 प्रतिशत उपस्थिति के आधार पर एक सप्ताह में बच्चे दो या तीन दिन ही स्कूल गए। अब इसी को आधार बना कर पब्लिक स्कूल सालभर का वार्षिक फीस जमा करने के लिए कह रहे हैं। अभिभावक स्कूल काउंटर व स्कूल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन इसपर कोई राहत नहीं मिल रही है। 14 स्कूलों से मांगा था डीएसई ने स्पष्टीकरण :

एनसीपीसीआर की संचिका में 12 मई 2021 एवं झारखंड अभिभावक महासंघ के पत्रांक छह मई के द्वारा जिले के 14 विद्यालयों पर झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के 25 जून 2020 के आदेश का अनुपालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी। इसके बाद जिला शिक्षा अधीक्षक ने धनबाद पब्लिक स्कूल हीर ब्रांच, भूईफोड़, डीएवी समूह के सभी विद्यालय, मुगमा को छोड़कर तथा राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर धनसार के विद्यालय प्रबंधन से आरोपित बिदुओं पर अपना स्पष्टीकरण मांगा था। क्या कहते हैं डीएसई :

जिला शिक्षा अधीक्षक इंद्र भूषण सिंह ने कहा कि मासिक शुल्क से अधिक लेने की शिकायत मिली थी। जिसके आधार पर स्कूलों से स्पष्टीकरण मांगा गया था। अभी कुछ और अभिभावकों की शिकायतें मिली हैं। इस आधार पर स्कूलों से जवाब मांगा जाएगा। जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। डीएसई नहीं दे रहे हैं जानकारी :

अभिभावक महासंघ के महासचिव मनोज मिश्रा ने कहा कि 500 से भी अधिक अभिभावकों ने लिखित शिकायत की है। इसके पूर्व बाल अधिकार संरक्षण आयोग से शिकायत की गई थी, जिसके आधार पर 14 स्कूलों से डीएसई ने स्प्ष्टीकरण मांगा था। उन स्कूलों ने क्या जवाब दिया है, यह जानने का अधिकार महासंघ को है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग इसकी जानकारी देने से परहेज कर रहा है। मंगलवार को महासंघ का एक प्रतिनिधि मंडल उपायुक्त से मिलकर अभिभावकों की समस्या से अवगत कराएगा।

chat bot
आपका साथी