आसमान में चंद्रयान-2, धरती पर जल संरक्षण का संदेश
धनबाद शनिवार का दिन कार्मल स्कूल की प्राइमरी सेक्शन यानी पहली से पांचवीं तक की लगभग 300 छात्राओं के लिए खास रहा।
धनबाद : शनिवार का दिन कार्मल स्कूल की प्राइमरी सेक्शन यानी पहली से पांचवीं तक की लगभग 300 छात्राओं के लिए खास रहा। कोई चंद्रयान-2 मिशन के जरिए भारत की उपलब्धि बता रहा था तो कोई स्मार्ट सिटी के जरिए नए धनबाद की तस्वीर बयां करने में जुटा था, तो कोई गणित का असेंडिंग-डिसेंडिंग ऑर्डर समझाने में लगा था, तो कुछ बच्चे ऐसे भी थे जो पर्यावरण का संदेश देते नजर आए। कार्मल स्कूल में शनिवार को आयोजित 'एक्सीलरेटिंग एक्सपोजिशन ऑफ नॉलेज-फेस्ट' में गणित, सामाजिक विज्ञान, कंप्यूटर और आर्ट एंड क्राफ्ट विषय से संबंधित 200 से अधिक मॉडल पेश कर अपनी प्रतिभा दिखाई। इसकी शुरुआत बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित एडीआरएम आशीष कुमार झा, रेलवे महिला कल्याण संगठन की उपाध्यक्ष प्राची झा, प्राचार्या सिस्टर सैंड्रा और प्रियल ने किया। सभी ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर बच्चों की प्रतिभा की सराहना की। गणित के पिता कहे जाने वाले आर्यभट्ट, पर्यावरण से हरे-भरे शहर, बिजली की बचत और कंप्यूटर की जीवंत प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इतना ही नहीं आर्ट एंड क्राफ्ट में बेकार से बनी वस्तुओं ने सभी का ध्यान आकृष्ट किया। इस दौरान चरणी में प्रभु यीशु के जन्म का सजीव चित्रण भी मन मोह गया। कार्यक्रम संपन्न कराने में शिक्षिकाओं सोनाली सिंह, डार्लिन रिडक्विस्ट, सिम्मी टंडन, झुमु सिंह, हरप्रीत कौर, निशि तिर्की, सना अली, सोमा बर्मन, सुनंदा मैसी, जुनाकी विश्वास, उषा मलिक, नेहा फिरदौस, अंजु बंसल, मुस्कान, रश्मि, अनिमा, किरण, सरिता, प्रेमलता का योगदान रहा।
------------------
सेंसर से बंद हो जाएगा नल, बचेगा पानी
इस अवसर पर जल संरक्षण पर आधारित प्रदर्शनी ने सभी को अपनी ओर खींचा। छठी से आठवीं तक की छात्राओं ने जन संरक्षण पर आधारित कई मॉडल बनाए। इसमें सेंसरयुक्त नल की सभी ने सराहना की। आपको जितना पानी चाहिए, नल के आगे हथेली लाने पर उतना ही पानी मिलेगा। यह सब सेंसर से होगा। इसे आठवीं की छात्राओं अलबीना, आयुषी औ प्राची ने बनाया। इसी तरह चारकोल, स्टोन से पानी को शुद्ध करने की तकनीक को भी सराहना मिली।