Jagran Breaking: गबन मामले में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को राहत; 27 लाख रुपये जमा करने की शर्त पर हाई कोट ने दी अग्रिम जमानत
गबन मामले में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को बड़ी राहत मिली है। झारखंड हाई कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है। बता दें मंत्री पर उनके ही कॉलेज देवी महतो के पूर्व प्राचार्य ने गबन का आरोप लगाया था।
जागरण संवाददाता, धनबाद: गबन के एक मामले में सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को बुधवार को अदालत से बड़ी राहत मिली। झारखंड उच्च न्यायालय ने मंत्री महतो को अग्रिम जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया है। इस बाबत जानकारी देते हुए शिकायतकर्ता डेग लाल राम के अधिवक्ता राधेश्याम गोस्वामी व राहुल कुमार ने बताया कि अदालत ने मंत्री को 27 लाख रुपये जमा करने की शर्त पर जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया है। इसके पूर्व 27 अगस्त को धनबाद एमपी एमएलए के विशेष न्यायाधीश अखलेश कुमार की अदालत ने मंत्री समेत अन्य आरोपीयों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी । 28 सितंबर को आरोपितों के विरुद्ध वारंट जारी करने की याचिका पर सुनवाई की तारीख निर्धारित है।
गिरिडीह उपायुक्त के यहां जमा करनी 27 लाख
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की ओर से पक्ष रखने वाले अधिवक्ता एके साहनी और अजीत कुमार ने बताया कि अदालत ने 27 लाख की राशि गिरिडीह उपायुक्त के यहां जमा करने का निर्देश दिया है। उक्त राशि निचली अदालत में इस मामले के निष्पादन तक जमा रहेगी। उनकी ओर से अदालत को बताया गया कि गवर्निंग बॉडी अध्यक्ष होने के नाते कालेज से संबंधित किसी भी लेनदेन में उनका कोई रोल नहीं है। इसलिए उन पर गबन का मामला नहीं बनता है। जिसको देखते हुए अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत की सुविधा प्रदान की है।
गबन का है आरोप
शिकायतवाद के मुताबिक झारखंड कॉमर्स इंटर कॉलेज डुमरी के प्रभारी प्राचार्य डेगलाल राम ने 9 फरवरी 17 को कॉलेज के अध्यक्ष जगरनाथ महतो, फूलचंद महतो, रामेश्वर प्रसाद यादव, रविंद्र कुमार सिंह ,प्रताप कुमार यादव ,मोती लाल महतो, राजेंद्र महतो के विरुद्ध कॉलेज की 27 लाख रुपए की राशि षड्यंत्र के तहत एक दूसरे से मिली भगत कर गबन करने का आरोप लगाते हुए शिकायतवाद संख्या 179/17 दर्ज कराया था। 27 जून 19 को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी गिरिडीह रंजय कुमार की अदालत ने उपरोक्त सभी के विरुद्ध प्रथम दृष्टया आरोप सही पाते हुए सभी आरोपितों के विरुद्ध सम्मन जारी कर हाजिर होने का आदेश दिया था। सम्मन के बाद भी आरोपीत हाजिर नहीं हुए थे लिहाजा अदालत ने 20 जनवरी 20 को मंत्री जगरनाथ समेत सभी आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था।
पूर्व में हाईकोर्ट से नहीं मिली थी राहत
मंत्री जगरनाथ महतो समेत अन्य आरोपीयों ने निचली अदालत द्वारा 27 जून 19 को पारित आदेश को चुनौती दी थी। और पूरे आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की प्रार्थना की थी। परंतु हाई कोर्ट ने भी राहत देने से इनकार किया था।और रिट याचिका 2 अगस्त को खारिज कर दी थी।