पीएचसी जोड़ापोखर के 10 करोड़ की राशि गबन के मामले में अब ईडी करेगी जांच Dhanbad News

जिला के जोड़ापोखर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की तरफ से मिली राशि के गबन के मामले की अब प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी जांच करेगी। जांच के लिए ईडी को आदेश मिल चुका है। मामला भष्‍ट्राचार निरोधक बयूरो (एसीबी) के धनबाद इकाई के पास था।

By Atul SinghEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 03:53 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 03:53 PM (IST)
पीएचसी जोड़ापोखर के 10 करोड़ की राशि गबन के मामले में अब ईडी करेगी जांच Dhanbad News
गबन के मामले की अब प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी जांच करेगी। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन : जिला के जोड़ापोखर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की तरफ से मिली राशि के गबन के मामले की अब प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी जांच करेगी। जांच के लिए ईडी को आदेश मिल चुका है। अभी तक यह मामला भ्रस्टाचार निरोधक बयूरो (एसीबी) के धनबाद इकाई के पास था।

बताते चलें कि वर्ष 2019 में एसीबी धनबाद ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जोड़ापोखर के एक अनुबंध कर्मचारी प्रमोद सिंह समेत तत्कालीन सिविल सर्जन समेत कुल 10 लोगों और 10 करोड़ रुपये की राशि गबन करने का मामला दर्ज किया था। हाल के दिनों में जांच के दौरान आरोपितों की संख्या बढ़ कर 25 हो गई। इसमें एसीबी नेऊन लोगों को भी शामिल किया जिनके बैंक खाते में स्वास्थ्य केंद्र के खाते से राशि भेजी गई थी। अब ईडी को जांच की अनुमति मिलने के बाद से जांच अधिकारियोंने एसीबी से उपरोक्त मामले की पूरी फाइल मांगी है।

तीन स्तर पर भेजी गई राशि : अब तक के जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि तीन लेवल पर राशि का स्थानांतरण किया गया है। दूसरी ओर पीएमओ के आदेश पर जांच कर रही भूली ओपी पुलिस ने आरोपित प्रमोद सिंह के भूली आवास और सरायढेला के सहयोगी नगर स्थित आवास पर जाकर छानबीन की है। एसीबी ने इस मामले को लेकर वर्ष 2019 में 10 लोगों को प्राथमिक अभियुक्त बनाते हुए 10 करोड़ रुपये की सरकारी राशि का गबन करने की प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें प्रमोद समेत तत्कालीन सिविल सर्जन को भी अभियुक्त बनाया गया था। इससे पहले वर्ष 2016 में केवल प्रमोद सिंह को आरोपित बनाते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया था। गबन के मामले की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि केंद्र सरकार की ओर से दस अलग-अलग सरकारी खातों में करोड़ों की राशि भेजी गई, लेकिन अभियुक्तों ने केवल दो खातों से राशि की निकासी की। यहां से राशि निकासी कर प्रमोद ने अपने खाता के साथ अन्य नौ लोगों के खाते में राशि स्थानांतरित की थी। एसीबी की जांच में यह पता चला है कि इन दस खातों से अन्य 15 खातों में राशि भेजी गई। इनमें मार्बल दुकान, सैनिटरी दुकान, सीमेंट, बालू वाले भी शामिल हैं। एसीबी धनबाद ने अपने जांच का दायरा बढ़ाते हुए इन खातों की भी जांच की।

chat bot
आपका साथी