DVC: कंट्रोल में आया मैथन व पंचेत डैम का जलस्तर, अब कम छोड़ा जा रहा पानी; पश्चिम बंगाल के निचले इलाके को राहत

DVC पहले चक्रवात गुलाब और उसके बाद बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर के कारण झारखंड में कई दिनों तक लगातार बारिश हुई। इससे बराकर नदी पर बना मैथन डैम और दामोदर नदी पर स्थित पंचेत डैम का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 10:57 AM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 11:16 AM (IST)
DVC: कंट्रोल में आया मैथन व पंचेत डैम का जलस्तर, अब कम छोड़ा जा रहा पानी; पश्चिम बंगाल के निचले इलाके को राहत
डीवीसी मैथन डैम से छोड़ा जा रहा पानी ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, मैथन। सितंबर महीने के अंत में आया चक्रवाती तूफान गुलाब और उसके बाद बंगाली की खाड़ी में बने लो प्रेशर से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के साथ झारखंड में भी कई दिनों तक झमाझम बारिश हुई। इससे झारखंड में दामोदर नदी पर बना पंचेत डैम और बराकर नदी पर स्थित मैथन डैम का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। मजबूरन केंद्री जल आयोग के निर्देश पर दामोदर घाटी निगम ( DVC) ने मैथन और पंचेत डैम से पानी छोड़ना शुरू किया। पश्चिम बंगाल के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई। 22 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए। इसके बाद राजनीति शुरू हुई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बाढ़ के लिए डीवीसी औप झारखंड सरकार पर हमला बोला। अब राहत की बात है। मैथन और पंचेत डैम का जलस्तर नियंत्रित हो गया है। पश्चिम बंगाल की तरफ कम पानी छोड़ा जा रहा है। 

खतरे के निशान से 4 फीट ऊपर हो गया था पानी

पिछले महीने के आखिरी सप्ताह चक्रवात के कारण हुई भारी बारिश से मैथन व पंचेत डैम में जलस्तर काफी बढ़ गया था । ऊपरी हिस्से से दोनों ही डैम में जलजमाव बढ़ने से पंचेत डैम का जलस्तर खतरे के निशान से 4 फीट ऊपर बढ़कर 429 फीट पहुंच गया । वही मैथन डैम का जलस्तर भी खतरे के निशान के करीब 493 फीट तक पहुंच गया था । बारिश थमने के बाद दोनों ही डैम में ऊपरी हिस्से से पानी का इनफ्लो कम होने से जलस्तर घटने लगा है। पंचेत डैम का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे 424 पेट के आसपास पहुंच गया है। वहीं मैथन डैम का जलस्तर भी 490 फीट से नीचे आ गया है।

जलस्तर पर केंद्रीय जल आयोग की नजर

ऊपरी हिस्से से पानी का इनफ्लो कम होने से इससे बंगाल की ओर पानी छोड़ने की गति घटा दी गई है। दोनों ही डैम से 30,000 क्यूसेक ही पानी बंगाल की ओर छोड़ा जा रहा है। मैथन डैम से मात्र 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है । जबकि 30 हजार क्यूसेक से कम पानी ऊपर से आ रहा है। वहीं पंचेत डैम से 20,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। दोनों ही डैम में हो रहे जलजमाव और छोड़े जा रहे पानी पर डीवीसी व केंद्रीय जल आयोग की टीम का नजर बनाए हुए है।

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