1.42 करोड़ की ठगी में जिसने प्राथमिकी कराई वही नटवरलाल, दुमका पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस साक्ष्य के बारे में खुलकर कुछ बताने से परहेज कर रही है। दोनों को दस नवंबर से ही नगर थाने के एक कक्ष में रखकर पूछताछ की जा रही थी। पुलिस पूछताछ में पवन ने स्वीकार किया कि उसने पंकज के कहने पर ही सारा काम किया था।
जागरण संवाददाता, दुमका। नगर थाना की पुलिस ने आठ नवंबर को दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल से दूसरी कंपनी को किए गए 1.42 करोड़ रुपये के गलत भुगतान के मामले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। बुधवार की शाम पुलिस ने ठगी की प्राथमिकी दर्ज कराने वाले विभाग के लेखापाल पंकज वर्मा और उसके साथ कंप्यूटर आपरेटर पवन कुमार गुप्ता को जेल भेज दिया। हालांकि, पुलिस साक्ष्य के बारे में खुलकर कुछ बताने से परहेज कर रही है। दोनों को दस नवंबर से ही नगर थाने के एक कक्ष में रखकर पूछताछ की जा रही थी। पुलिस पूछताछ में पवन ने स्वीकार किया कि उसने पंकज के कहने पर ही सारा काम किया था। उसने जैसा कहा, वह करता गया। पुलिस ने जब उसके कंप्यूटर की जांच कि तो पता चला कि ठगी के लिए डोंगल का उपयोग किया गया। काम होने के बाद उपयोग किए गए सिम को तोड़कर फेंक दिया गया था। 12 दिनों तक चली पूछताछ के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया।
दरअसल आठ नवंबर को पाकुड़ की एबीसी निर्माण कंपनी ने विभाग के कार्यपालक अभियंता उदय कुमार ङ्क्षसह को सूचित किया कि उन्हें अबतक 1.42 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हुआ है, जबकि विभाग ने 28 अक्टूबर को कोषागार के माध्यम से भुगतान कर दिया था। मामला गंभीर होने पर अभियंता के कहने पर अगले दिन पंकज ने नगर थाना में गुडग़ांव की मेसर्स जीके इंटरप्राइजेज के खिलाफ मामला दर्ज किया।
ठगी में डोंगल और विभाग के लैपटाप का उपयोग किया गया था। दोनों की मिलीभगत से ही भुगतान से पहले आनलाइन ओटीपी चेंज कर दूसरी कंपनी को भुगतान किया गया। साक्ष्य के आधार पर ही गिरफ्तारी की गई है।
-नूर मुस्तफा अंसारी, एसडीपीओ, दुमका