Dumka ACB ने सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के पेशकार को दबोचा, दस्तावेज पर नाम चढ़ाने के लिए ले रहे थे 5 हजार

दुमका एसीबी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की है। न्यायालय प्रभारी पदाधिकारी-दो संताल परगना बंदोबस्त कार्यालय दुमका के पेशकार राजीव कुमार को 5 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। वह जमीन के दस्तावेज में नाम चढ़ाने के लिए रुपये ले रहे थे।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 20 Mar 2021 02:48 PM (IST) Updated:Sat, 20 Mar 2021 07:31 PM (IST)
Dumka ACB ने सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के पेशकार को दबोचा, दस्तावेज पर नाम चढ़ाने के लिए ले रहे थे 5 हजार
एसीबी के गिरफ्त में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के पेशकार राजीव कुमार ( फोटो जागरण)।

दुमका, जेएनएन। दुमका एसीबी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की है। न्यायालय प्रभारी पदाधिकारी-दो संताल परगना बंदोबस्त कार्यालय दुमका के पेशकार राजीव कुमार को 5 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। वह जमीन के दस्तावेज में नाम चढ़ाने के लिए रुपये ले रहे थे। इसी दाैरान एसीबी की टीम ने दबोच लिया। इसके बाद राजीव कुमार को एसीबी कार्यालय में ले जाकर पूछताछ की गई। फिर जेल भेज दिया गया। इस कार्रवाई के बाद बंदोबस्त कार्यालय दुमका में हड़कंप मच गया।

खूंटाबांध तालाब के समीप हुई गिरफ्तारी

भ्रष्टाचार निरोध ब्यूरी यानी एसीबी की टीम ने शनिवार को खतियान में नाम चढ़ाने के एवज में मसलिया के आनंद हांसदा से रिश्वत मेंं पांच हजार रुपया लेने वाले सहायक बंदोबस्त कार्यालय के पेशकार राजीव कुमार को रंगे हाथ धर दबोचा। वह पीड़ित से कार्यालय की बजाय खूंटाबांध तालाब के समीप रुपया ले रहा था। आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया। मसलिया प्रखंड के तालडंगाल निवासी आनंद हांसदा ने बताया कि मसलिया में वर्ष 17 में विभाग की ओर से शिविर लगाया गया था। उसमें उसने आपत्ति दर्ज कराई थी कि खतियान में उसकी जगह पर शिवाधन किस्कू व पानबोल किस्कू का नाम चढ़ा दिया गया है। जबकि वर्ष 11 में न्यायालय प्रभारी पदाधिकारी द्वितीय ने उनका नाम दर्ज करने का आदेश जारी किया था। तीन साल से मामला बंदोबस्त कार्यालय में चल रहा था।

सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के पेशकार ने दोनों का नाम हटाकर उनका दर्ज करने के लिए पांच हजार रुपया मांगा था। लेकिन वह किसी सूरत में घुस नहीं देना चाहता था। इसकी जानकारी एसीबी को दी। एसीबी ने जांच के बाद मामले को सही पाया। बताया कि पेशकार ने उसे पैसा देने के लिए दुमका कार्यालय बुलाया था। कोर्ट के बाहर मुलाकात होने के बाद अपनी ही बाइक से खूंटाबांध ले गया। पैसा देते समय पहले से मुस्तैद एसीबी की टीम ने उसे धर दबोचा। गिरफ्तारी के बाद उसे भागने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सका।

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