झरिया में लगातार बारिश से भू धंसान का खतरा

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By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 11:06 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 11:06 PM (IST)
झरिया में लगातार बारिश से भू धंसान का खतरा
झरिया में लगातार बारिश से भू धंसान का खतरा

जासं, झरिया : झरिया में मंगलवार की रात से ही लगातार बारिश से अग्नि व भू धंसान प्रभावित क्षेत्र के लोगों में भय समा गया है। झरिया के एक दर्जन से अधिक अग्नि व भू धंसान प्रभावित क्षेत्र के लोग जेआरडीए की ओर से पुनर्वास नहीं किए जाने के कारण जान हथेली पर रखकर रहने को मजबूर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रबंधन को बड़ी घटना का इंतजार नहीं करते हुए सुरक्षा के उपाय करने चाहिए। लापरवाही से इन क्षेत्रों में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। बरसात में हर साल भू धंसान की घटनाएं झरिया में बढ़ जाती है। इन क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोग काफी भयभीत रहते हैं। वर्षों से इन क्षेत्रों में रह रहे लोगों का सरकार, जिला प्रशासन, जेआरडीए और बीसीसीएल प्रबंधन की ओर से पुनर्वास नहीं किए जाने के कारण यहां कभी भी बड़ा हादसा होने की संभावना है। लोगों का कहना है कि प्रशासन और प्रबंधन की लापरवाही से यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

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झरिया के ये क्षएत्र अग्नि व भू धंसान प्रभावित

झरिया के लिलोरीपथरा, बालूगद्दा, छलछलिया धौड़ा, घनुडीह, कुजामा, मोहरीबांध, इंदिरा चौक, लोदना, बागडीगी, साउथ तिसरा, नार्थ तिसरा, डिपो धौड़ा, जयरामपुर, जीनागोरा, दोबारी, बेरा, सहाना पहाड़ी, साउथ झरिया, राइज झरिया, इंडस्ट्री, बस्ताकोला पासवान बस्ती, भालगोरा, तारा बागान आदि क्षेत्र अग्नि व धंसान प्रभावित क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में पूर्व में भू धंसान की कई घटनाएं हो चुकी हैं। बावजूद सरकार, प्रशासन और प्रबंधन कान में तेल डालकर सोया हुआ है।

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बारिश में बढ़ जाती है परेशानी

बारिश के समय अग्नि व भू धंसान प्रभावित क्षेत्र में रहनेवाले लोगों की परेशानी काफी बढ़ जाती है। घर के आसपास की जमीन के धंसने का खतरा बना रहता है। अति प्रभावित क्षेत्र लिलोरीपथरा, इंदिरा चौक, डिपो धौड़ा, घनुडीह मल्लाह बस्ती की स्थिति अधिक खराब है। अभी भी इन खतरनाक क्षेत्रों में सैकड़ों परिवार भय के माहौल में रहने को विवश हैं। लिलोरीपथरा में रहनेवाले सुरेंद्र पांडेय के बंद घर घर में चानक का मुंह खुलने और दूसरे दिन बस्ती के पास गोफ होने से लोगों में भय समाया हुआ है। घनुडीह मल्लाह बस्ती में भी छह माह पूर्व सूरज निषाद के घर की दीवार धंसने से उनकी पत्नी जख्मी हो गई थी।

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लोगों से सुरक्षित जगहों पर जाने की प्रबंधन कर रहा अपील

झरिया में लगातार हो रहीबारिश से खतरनाक बस्तियों में रहनेवाले लोगों की धड़कनें और बढ़ गई हैं। दूसरी ओर कोलियरी प्रबंधन बस्तियों को खतरनाक घोषित कर क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थान पर चले जाने का निर्देश दिया है। दशकों से यहां रह रहे लोग अब काफी परेशान हैं। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें। प्रबंधन के निर्णय से लोगों में रोष है। लोगों का कहना है क्षेत्र में बड़ी भू धंसान की घटना होने पर सारी जिम्मेवारी प्रशासन और प्रबंधन की होगी। लोगों ने जेआरडीए प्रबंधन से जल्द पुनर्वास की मांग की है।

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