जल निकासी कार्य को धीमा देख डीटी ने जीएम को लगाई फटकार
लोदना क्षेत्र के जीनागोरा आउटसोर्सिंग परियोजना के जलमग्न होने के बाद तीन महीने से प्रभावित कोयला उत्पादन के चलते डिस्पैच ठप है। निदेशक तकनीकी चंचल गोस्वामी ने शुक्रवार को एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार बरसात के पानी में डूबे जीनागोरा आउटसोर्सिग परियोजना का निरीक्षण कर जल निकासी के कार्य का निरीक्षण किया।
अलकडीहा : लोदना क्षेत्र के जीनागोरा आउटसोर्सिंग परियोजना के जलमग्न होने के बाद तीन महीने से प्रभावित कोयला उत्पादन के चलते डिस्पैच ठप है। निदेशक तकनीकी चंचल गोस्वामी ने शुक्रवार को एक सप्ताह के अंदर दूसरी बार बरसात के पानी में डूबे जीनागोरा आउटसोर्सिग परियोजना का निरीक्षण कर जल निकासी के कार्य का निरीक्षण किया। जल निकासी की गति धीमी देख भड़कते हुए डीटी ने क्षेत्रीय व कोलियरी प्रबंधन को फटकार लगाई। कहा कि 15 दिनों में कंपनी की ओर से परियोजना में कोयला उत्पादन करने की समय-सीमा निर्धारित की गई है। हर हाल में कोयला उत्पादन कर डिस्पैच बढ़ाने का काम सुनिश्चित करें।
आउटसोर्सिग परियोजना के ऊपरी हिस्से के ओबी को हटाने के कार्य में तेजी लाने का निर्देश आउटसोर्सिग प्रबंधन को दिया। कोयला उत्पादन व डिस्पैच को लेकर डीटी ने आउटसोर्सिंग परियोजना के बाद नौ नंबर साइडिग का निरीक्षण किया। डीटी ने क्षेत्रीय प्रबंधन को मध्य अक्टूबर तक बारिश होने की संभावनाओं पर सतर्क रहने, दो घंटा से अधिक बारिश होने की स्थिति में मशीनों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने, परियोजना से जल निकासी के लिए अधिक क्षमता का मोटर लगाने, हाल रोड को दुरुस्त करने व साइडिग में कोयला डिस्पैच के दरम्यान गुणवता के प्रति हमेशा चौकस रहने का निर्देश दिया। कहा कि कोयला उत्पादन और डिस्पैच पर ही कंपनी में कार्यरत मजदूरों और अधिकारियों का भविष्य निर्भर है। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मौके पर जीएम अरुण कुमार, पीओ पंकज कुमार, अमित कुमार, देवप्रभा कंपनी के एमडी एलबी सिंह, निदेशक कुंभनाथ सिंह, मिथिलेश सिंह आदि मौजूद थे।