Dhanbad Girl Kidnapping Story: 18 साल बाद अवतरित हुई युवती, सुनाई ऐसी कहानी जिसमें ट्विस्ट ही ट्विस्ट; आप भी पढ़ें
Dhanbad Girl Kidnapping Story लड़की ने बताया कि हम पूजा मेला के दौरान अपने परिवार से बिछड़ गए थे। अंधेरा में हमको कुछ समझ में नहीं आया। हम चलते-चलते खडग़पुर पहुंच गए। वहीं एक मंदिर में इतने साल रहे। लड़की की इस बात से लोग हैरत में पड़ गए।
जागरण संवाददाता, धनबाद/ लोदना। आम ताैर पर हिंदी फिल्मों की ऐसी कहानी होती हैं-बचपन में किसी मेले में बिछड़ जाना और बड़े होने पर फिर से नाटकीय ढंग से मुलाकात मिलन होना। इस कहानी से मिलती-जुलती एक सच्ची घटना धनबाद के लोदना क्षेत्र में सामने आई है। 18 साल पहले 19 वर्ष की एक युवती मेले से गायब हो गई थी। अब लाैट आई है। युवती ने जो कहानी बताई है वह उसके लापता होने के बाद दर्ज कराई गई अपहरण की प्राथमिकी झूठी साबित होती है। उसके अपहरण की झूठी प्राथमिकी के कारण 18 सालों के दरम्यान दो परिवार तबाह हो गए। सरकारी नाैकरी गई। एक आरोपित की माैत भी गई है। अब बड़ा सवाल यह है कि आरोपितों को कैसे मिलेगा इंसाफ ?
साल 2003 में रक्षा काली मेला से गायब हुई थी युवती
लोदना ओपी क्षेत्र में रहने वाली आरती कुमारी वर्ष 2003 में मां रक्षा काली पूजा मेला के दौरान अचानक लापता हो गई थी। उस समय उसकी उम्र लगभग 19 वर्ष थी। शनिवार, 4 दिसंबर को 37 वर्ष की उम्र में वह अचानक घर लौट आई। क्षेत्र के लोग इसकी जानकारी लेने के लिए उसके आवास पहुंचे। हालांकि लड़की ने मिलने से इन्कार कर दिया। लड़की के गायब होने के मामले में उसके पिता बंगाली रविदास ने उस समय लोदना ओपी में अपहरण किए जाने की शिकायत की थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई करते हुए कई आरोपितों को जेल भेजा था। युवती के घर वापस लौटने पर आरोपितों के स्वजन काफी आक्रोशित हैं। उन्होंने कहा कि लड़की के अपहरण के झूठे आरोप में हमारे पिता को जेल जाना पड़ा। इस कारण हम काफी प्रताडि़त हुए। पुलिस से मामले में उचित कार्रवाई की मांग की।
पुलिस पदाधिकरियों ने युवती से मिल प्राप्त की जानकारी
जानकारी पाकर लोदना ओपी के अधिकारी दयाशंकर पाठक व चंद्रभूषण प्रसाद मौके पर पहुंच कर लड़की से जानकारी ली। लड़की ने पुलिस को बताया कि हम पूजा मेला के दौरान अपने परिवार से बिछड़ गए थे। अंधेरा में हमको कुछ समझ में नहीं आया। हम चलते-चलते खडग़पुर पहुंच गए। वहीं एक मंदिर में इतने साल रहे। लड़की की इस बात से लोग हैरत में पड़ गए। लोगों का कहना है कि लड़की स्नातक में उस समय पढ़ रही थी। एक निजी स्कूल में पढ़ाने का काम भी करती थी। ऐसे में उसका कहीं चले जाना और फिर अपने घर वापस नहीं लौटना, भरोसा लायक नहीं है। वहीं युवती की मां ने कहा कि अभी घर में कोई पुरूष सदस्य नहीं है। दोनों पुत्र बाहर में नौकरी कर रहे हैं। उनके आने के बाद ही कुछ कहा जाएगा।
यह है मामला
वर्ष 2003 में लोदना के मंदिर में रक्षा काली पूजा के दौरान रात में लड़की अपने परिवार के साथ पूजा करने पहुंची थी। इसी बीच मंदिर के मुख्य गेट के पास से लड़की अचानक गायब हो गई। स्वजनों ने काफी खोजबीन की। उसका पता नहीं चला। लड़की के पिता ने लोदना ओपी में पुत्री के अपहरण की शिकायत की। क्षेत्र के रामेश्वर मल्लाह उर्फ बासकीत, उनके पुत्र मनोज निषाद, राजू निषाद और दीपक चौहान पर गलत नीयत से अपहरण करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने रामेश्वर, मनोज, राजू को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
आरोपित के स्वजन पुलिस से लगाई न्याय की गुहार
रामेश्वर की पत्नी भानु देवी ने कहा कि अपहरण के झूठे आरोप में पति सात माह व पुत्र मनोज चार माह जेल में रहा। मुझे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जेल से आने के बाद पति की बीसीसीएल की नौकरी चली गई। बाद में सदमा से उनका निधन हो गया। राजू ने कहा कि तीन माह जेल में गुजारा। अब जब लड़की वापस लौटी है तो हमलोग को पुलिस व न्यायालय से इंसाफ मिलना चाहिए। मृतक रामेश्वर के पुत्र सनोज ने इस संबंध में वरीय पुलिस अधिकारी से शिकायत करने की बात कही।
मामला 18 वर्ष पहले का है। इस मामले की शिकायत करने वाले लड़की के पिता का देहांत हो गया। केस भी खत्म हो गया। हमारी जानकारी में कुछ नही है। इस संबंध में वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
- सुशील कुमार सिंह, लोदना ओपी प्रभारी।