रेल का खेल देखिए... डॉक्टर बाबू गायब, फार्मासिस्ट कर रहे इलाज Dhanbad News
क्या बताएं सर सीएमएस साहब आए और मुझे ऑफिस से निकालकर बाहर बैठा दिया। बोले आज तुम्हें ही सब को देखना है। छोटी मोटी बीमारी वालों को देख लो और जो दवा है दो। मामला गंभीर हो तो डॉक्टर साहब को इन्फॉर्म कर देना...।
धनबाद, जेएनएन : क्या बताएं सर, सीएमएस साहब आए और मुझे ऑफिस से निकालकर बाहर बैठा दिया। बोले, आज तुम्हें ही सब को देखना है। छोटी मोटी बीमारी वालों को देख लो और जो दवा है दो। मामला गंभीर हो तो डॉक्टर साहब को इन्फॉर्म कर देना...। यह स्थिति रेलवे के किसी छोटे-मोटे हेल्थ सेंटर का नहीं बल्कि तकरीबन 22000 कर्मचारियों का इलाज करने वाले धनबाद रेल मंडल के मुख्यालय के अस्पताल की है। ओपीडी में रहने वाले डॉक्टर खानापूर्ति कर रहे हैं और मरीजों से जूझने के लिए फार्मासिस्ट को बिठा दिया गया है। फार्मासिस्ट लालबाबू सीएमएस के फरमान पर लोगों का इलाज करने बैठ तो गए हैं। पर संक्रमित मरीज को लेकर काफी दहशत में हैं।
और पहुंच गया संक्रमित रेलकर्मी, अफरा तफरी
फार्मासिस्ट रेलवे अस्पताल परिसर में बैठकर रेल कर्मचारी, सेवानिवृत्त रेल कर्मचारी और उनके घर वालों को दवाइयां दे रहे थे। उन्हें ऐसे स्थान पर बैठाया गया है जहां सिर के ऊपर सीसीटीवी भी लगा है। रेलवे अस्पताल के डॉक्टर चेंबर में बैठकर फार्मासिस्ट पर नजर रख रहे हैं। इस बीच एकाएक एक रेलकर्मी पहुंचे उन्होंने बताया कि उन्हें किसी भी चीज का गंध नहीं मिल रहा है। थोड़ी बेचैनी भी हो रही है। उनका इतना कहना था कि वहां अफरा तफरी मच गई। लाइन में खड़े दूसरे रेलकर्मी अस्पताल से बाहर निकल गए। इस मामले में रेलवे के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जीएस पांडा से संपर्क करने की कोशिश की गई। पर उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।
वर्जन
मंडल रेल चिकित्सालय धनबाद में रोगी देखने के लिए चिकित्सक के स्थान पर दवा वितरक (फ़ार्मासिस्ट) को बैठाया गया है। बाह्य चिकित्सा कक्ष भी बंद होने के कारण अस्वस्थ रेल कर्मचारियों मे भय एवं आक्रोश व्याप्त है। मौजूदा परिस्थितियों में ऐसी व्यवस्था जानलेवा साबित हो सकती है।
-विनय कुमार राय, पूर्व महामंत्री पूर्व मध्य रेलवे मजदूर संघ