Sarv Dharm Prarthana: जहां 166 मरीजों की जान गई, वहां अब मरीजों के साथ डॉक्टर कर्मियों ने की प्रार्थना Dhanbad News

धनबाद कोरोना संक्रमण काल ने एक झटके में कई स्वजनों ने अपनों को खो दिया। कई के पिता का साया तो कई सुहाग उजड़ गए। कई लोगों के एकमात्र कमाऊ सदस्य चले गए। यह एक त्रासदी से कम नहीं रहा। दैनिक जागरण के साथ पूरा धनबाद खड़ा रहा।

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 05:55 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 06:02 PM (IST)
Sarv Dharm Prarthana: जहां 166 मरीजों की जान गई, वहां अब मरीजों के साथ डॉक्टर कर्मियों ने की प्रार्थना Dhanbad News
लोगों के एकमात्र कमाऊ सदस्य चले गए। यह एक त्रासदी से कम नहीं रहा। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

 धनबाद, जेएनएन: कोरोना संक्रमण काल ने एक झटके में कई स्वजनों ने अपनों को खो दिया। कई के पिता का साया तो, कई सुहाग उजड़ गए। कई लोगों के एकमात्र कमाऊ सदस्य चले गए। यह एक त्रासदी से कम नहीं रहा। मृत आत्मा की शांति के लिए आह्वान पर दैनिक जागरण के साथ पूरा धनबाद खड़ा रहा। एक और जहां हर तबके ने प्रार्थना सभा में भाग लिया, तो वही जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएन एमएमसीएच के कोविड-19 अनोखा दृश्य देखने को मिला। सोमवार की सुबह 11:00 बजे बिना लक्षण वाले मरीजों के साथ डॉक्टर और कर्मचारियों ने प्रार्थना सभा का आयोजन किया। इसके साथ ही कोरोनावायरस के संक्रमण से मारे गए मरीजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इस त्रासदी की यादें कर कर हर किसी की आंखें नम हो रही थी। सभा में मरीजों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

अस्पताल में 166 मरीजों की चली गई थी जान

कोरोनावायरस की पहली और दूसरी लहर में इस कोविड-19 सेंटर में अब तक 166 मरीजों की जान चली गई है। कैथ लैब में 142 और इस पीजी ब्लॉक में 24 लोगों की जान गई है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ शैलेंद्र कुमार और कोविड-19 के प्रभारी डॉ यूके ओझा और डा डीपी भूषण ने भी मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। मौत की संख्या कम से कम हो इसके लिए भी वचन लिया। वहीं जिले में अब तक कोरोनावायरस की चपेट में आकर 377 लोगों की मौत हो चुकी है।

अपनों का जाने का गम

कल सेंटर में फिलहाल दो दर्जन संक्रमित मरीज भर्ती हैं। फिलहाल सभी मरीज की स्थिति बेहतर है। सेंटर में मरीजों के लिए लाइब्रेरी और ध्यान केंद्र भी बनाए गए हैं। अस्पताल के प्रभारी डा डीपी भूषण ने बताया कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने कई डॉक्टर समुदाय और स्वास्थ्य कर्मी समुदाय सभी लोगों की जान गई है। 5 डॉक्टरों की जान चली गई। कोई भी ऐसा तबका नहीं रहा जहां लोगों की जान नहीं गई हो। ऐसी स्थिति रही इस शव की अंत्येष्टि में भी जाने वाले लोग नहीं थे। अब दैनिक जागरण ऐसी पहल बेहद सराहनीय है।

chat bot
आपका साथी