DMC: 30 दिन करा रहे सफाई, 22 से 24 दिन का दे रहे वेतन, हाजिरी कटौती से परेशान निगम के सफाई कर्मी

दैनिक सफाई कर्मियों की हाजिरी पिछले वर्षों से ही काटी जा रही है। इस संबंध में संगठन के साथ नगर आयुक्त से वार्ता भी हुई थी। जिसके बाद हाजिरी कटौती बंद कर हो गई थी। पिछले कुछ महीनों से बराबर हाजिरी काटने की शिकायतें आ रही है। यह अनुचित है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:28 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:28 AM (IST)
DMC: 30 दिन करा रहे सफाई,  22 से 24 दिन का दे रहे वेतन, हाजिरी कटौती से परेशान निगम के सफाई कर्मी
दैनिक सफाई कर्मियों की हाजिरी पिछले वर्षों से ही काटी जा रही है। (जागरण)

जागरण संवाददाता, धनबाद: दैनिक सफाई कर्मियों की हाजिरी पिछले वर्षों से ही काटी जा रही है। इस संबंध में संगठन के साथ नगर आयुक्त से वार्ता भी हुई थी। जिसके बाद हाजिरी कटौती बंद कर हो गई थी। पिछले कुछ महीनों से बराबर हाजिरी काटने की शिकायतें आ रही है। यह अनुचित है। निगम के सफाई मजदूरों से 28 दिन 30 दिनों यहां तक छुट्टी के दिन भी रविवार के दिन भी कार्य कराया जाता है, जबकि उसकी हाजिरी काटकर मात्र 22 से 24 दिनों का पैसा दिया जाता है। यह श्रम कानून का घोर उल्लंघन है।

हीरापुर हटिया पार्क में भारतीय कर्मचारी मजदूर यूनियन के बैनर तले जिला शाखा धनबाद नगर निगम की बैठक प्रदेश महासचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई। इसमें धनबाद, कतरास, सिंदरी, झरिया और छाताटांड़ अंचलों से निगम के स्थाई एवं अस्थाई कर्मी, सदस्य एवं पदाधिकारियों ने भाग लिया।

प्रदेश महासचिव ने 14 सूत्री मांगों का प्रतिवेदन रखा। उन्होंने कहा कि स्थाई कर्मियों के सातवें वेतन भुगतान, एसीपी का लाभ, एरियर का भुगतान, सेवानिवृत्त कर्मियों का एकमुश्त भुगतान एवं पेंशन आदि मांगों पर नगर आयुक्त से कई बार वार्ता हुई। भुगतान का आदेश भी दिया गया। निगम के कुछ बाबू लोगों के वेतनमान फिक्सेशन में कुछ न कुछ कमी है, जबकि मजदूरों में कोई त्रुटि नहीं है फिर भी सातवें वेतन का लाभ

देने से वंचित रखा गया है। हमारी मांग है कि पहले चतुर्थवर्गीय कर्मियों को सातवां वेतन का भुगतान किया जाए। वृत्तीय उन्नयन लाभ एसीपी की गणना 10 वर्ष की ही हुई है। कई कर्मियों की गणना 20 एवं 30 वर्ष की जानी है। सेवानिवृत्त कर्मियों का पावना भुगतान किस्त में दिया जा रहा है। उन्हें एकमुश्त भुगतान किया जाए एवं पेंशन का लाभ मिले।

अस्थाई दैनिक कर्मियों की मांगों में प्रमुख मांगे 10 वर्षों से कार्यरत कर्मियों का स्थायीकरण अभी तक नहीं किया गया है। नियम के नाम पर नियमितीकरण का मामला वर्षों से लटकाया जा रहा है। 10 वर्षों से कार्यरत कर्मियों में कई सफाई कर्मी भी हैं, जिनकी सूची उपलब्ध नहीं कराई गई है। नगरीय प्रशासन एवं यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में नियम को लचीला एवं छूटे हुए कर्मियों की सूची विभाग ने भेजने की बात कही है। नगर आयुक्त से आग्रह है कि वैसे सफाई कर्मियों की सूची विभाग को उपलब्ध कराई जाए। एक अप्रैल 2021 से श्रम नियोजन एवं कौशल विकास विभाग ने परिवर्तनशील महंगाई भत्ता बढ़ाया है। सात माह बीत जाने के बावजूद भी कर्मियों को जोड़कर वेतन में भुगतान नहीं किया जा रहा है। कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के तहत वैसे कर्मियों को ईएसआइ का लाभ दिया जाता है जो दैनिक रूप में स्थाई तौर पर लगातार कार्य कर रहा है। निगम के सभी दैनिक कर्मी वर्षों से लगातार कार्य कर रहे हैं फिर भी उनको ईएसआइ का लाभ नहीं दिया जा रहा है।

घोषणा के बावजूद आज तक सफाई कर्मियों को नहीं मिली कोरोना की प्रोत्साहन राशि

दैनिक कर्मियों का वेतन से काटा जा रहा भविष्य निधि का पैसा लाभुक कर्मियों के खाते में जमा नहीं किया जा रहा है। इन दैनिक कर्मियों के पास कोई पहचान पत्र परिचय पत्र एवं नियुक्ति पत्र निगम ने उपलब्ध नहीं कराया है। कोरोना महामारी के बीच रह कर सफाई कार्य करने वालों सफाई कर्मियों को प्रोत्साहन राशि या एक महीने का अतिरिक्त वेतन भुगतान देने की घोषणा हुई थी। इसका भुगतान आज तक नहीं हो पाया। निगम के सफाई कर्मियों के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराने के लिए विभिन्न अंचलों में कैंप लगाना भी सुनिश्चित किया जाए। सभी सफाई कर्मियों को नीली वर्दी उपलब्ध हो। दैनिक कर्मियों को एक से पांच तक वेतन भुगतान देना सुनिश्चित किया जाए। बैठक में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भारतीय कर्मचारी मजदूर यूनियन वैभव सिन्हा भी उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि इन मांगों को लेकर सरकार से मिलकर एवं स्थानीय अधिकारियों से बातचीत कर पूरा करवाने का प्रयास किया जाएगा। सदैव मजदूरों के हित के लिए सड़क से लेकर सदन तक पहुंचाने का कार्य करेंगे। बैठक में संगठन एवं सदस्य कर्मियों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि आठ अक्टूबर तक सातवां वेतन का भुगतान, दैनिक कर्मियों की हाजिरी कटौती, परिवर्तनशील महंगाई भत्ता आदि का भुगतान नहीं किया गया तो सभी निगम कर्मी चरणबद्ध आंदोलन से पहले 10 अक्टूबर को अपनी मांगों के समर्थन में मशाल जुलूस निकालेंगे।

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