अग्निप्रभावित क्षेत्रों में रोड डायवर्सन की तैयारी
धनबाद अग्नि प्रभावित इलाकों में यातायात व्यवस्था को दुरूस्त बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन अब तैयारी में जुट गया है।
धनबाद : अग्नि प्रभावित इलाकों में यातायात व्यवस्था को दुरूस्त बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन अब हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिग सेंटर एनआरएससी की मदद लेगा।
इसका निर्णय उपायुक्त सह झरिया पुर्नवास एंव विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष संदीप सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में हुई बैठक में लिया गया। उपायुक्त ने कहा कि इसके लिए पहले केंद्रीय सैटेलाइट एजेंसी से पूरे अग्नि प्रभावित इलाके की सैटेलाइट मैपिग कराई जाएगी। फिर मैपिग के आधार पर प्राथमिकता के आधार पर उन क्षेत्रों का चयन किया जाएगा, जहां यातायात व्यवस्था को सबसे पहले चाक चौबंद करने की जरुरत होगी।
उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट प्राप्त होने पर उसका बीसीसीएल एवं सीएमपीडीआइ के विशेषज्ञ अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देंगे। जिसपर अमल करते हुए यातायात को डायवर्ट करने की योजना बनाई जाएगी, ताकि यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
सिंह का कहना था कि हाल के दिनों में अग्नि प्रभावित इलाकों में कई जगहों से सड़कों पर गोफ बनने की खबरें आई थी। जिनका संज्ञान लेते हुए उन इलाकों में यातायात डायवर्ट करने के लिए योजना बनाई जा रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को बीसीसीएल, सीएमपीडीआइ, राइट्स के साथ बैठक का आयोजन कर रोड डायवर्सन पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके बाद इसके लिए एनआएससी की मदद लेने का फैसला किया गया।
गौरतलब है कि इसके पहले हुए कई बार के सर्वेक्षण में झरिया और आसपास के इलाकों में सवा पांच सौ से ज्यादा अग्नि प्रभावित इलाके चिन्हित किए जा चुके हैं। जहां से सुरक्षा कारणों से लोगों को पुनर्वासित तो किया ही जा रहा है, साथ ही उन इलाकों में यातायात को चाक चौबंद बनाए रखने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
बैठक में उपायुक्त संदीप सिंह, उप विकास आयुक्त दशरथ चंद्र दास, जेआरडीए प्रभारी अमर प्रसाद, जीएम (सिविल) डीएन महापात्रा, बीसीसीएल के जीएम (जेएमपी) जी गिरिश, सीएमपीडीआई के जीएम आरएन सिंह तथा एमएनपी सिंह, राइट्स के जीएम सिविल (हाईवेज) टी मुखर्जी और उनकी टीम के सदस्य मौजूद थे।