बेलगढि़या में डिस्पेंसरी तैयार, सोमवार को होगा उद्घाटन
धनबाद झरिया विहार पुनर्वास कॉलोनी बेलगढि़या में स्वास्थ्य केंद्र के उद्घाटन के लिए तैयार है। सोमवार को उपायुक्त सह झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार (जेआरडीए) के प्रबंध निदेशक उमाशंकर सिंह इसका उद्घाटन करेंगे।
जागरण संवाददाता, धनबाद : झरिया विहार पुनर्वास कॉलोनी, बेलगढि़या में स्वास्थ्य केंद्र के उद्घाटन के लिए तैयार है। सोमवार को उपायुक्त सह झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार (जेआरडीए) के प्रबंध निदेशक उमाशंकर सिंह इसका उद्घाटन करेंगे। जेआरडीए के प्रभारी पदाधिकारी गुलजार अंजुम ने बताया कि डिस्पेंसरी कॉलोनी निर्माण के समय से ही बनकर तैयार है। पहले कुछ दिनों तक इसे चलाया भी गया था, लेकिन चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों की कमी की वजह से इसे फिर बंद कर दिया गया। लोगों की जरूरतों को देखते हुए इसे फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। अंजुम के मुताबिक जिला प्रशासन के आग्रह पर शुरुआत में कुछ दिनों तक बीसीसीएल के चिकित्सक व चिकित्साकर्मी मरीजों का इलाज करेंगे। बीसीसीएल ने इनकी प्रतिनियुक्ति भी कर दी है। इसके बाद जिला प्रशासन यहां तीन चिकित्सकों की नियुक्ति करेगा। इनमें एक जेनरल फिजिशियन, एक आर्थाेपेडिक व एक गायनोलॉजिस्ट रहेंगे। तीनों ही चिकित्सक सप्ताह में तीन-तीन दिन डिस्पेंसरी में समय देंगे। चिकित्साकर्मियों की नियुक्ति भी जिला प्रशासन करेगा। गुलजार अंजुम के मुताबिक जेआरडीए चिकित्सा सेवा के लिए बीसीसीएल व जिला प्रशासन पर निर्भरता खत्म करने के लिए स्वयं भी प्रयासरत है। इसके लिए जेआरडीए की ओर से निविदा पर चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों, वाहनों व अन्य उपकरणों की व्यवस्था करने की तैयारी की जा रही है। जब तक ये प्रक्रियाएं पूरी नहीं हो जातीं, तब तक जिला प्रशासन के सहयोग से ही डिस्पेंसरी का संचालन किया जाएगा।
बता दें कि लगभग दस हजार की आबादी वाले झरिया विहार कॉलोनी में अभी तक एक भी चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है। एक डिस्पेंसरी शुरुआत में ही बनाई गई, लेकिन वह कभी चली नहीं। ऐसे में लोगों को इलाज के लिए धनबाद आना पड़ता था। इससे रात के समय बीमार लोगों व उनके स्वजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इसे देखते हुए लोगों ने डिस्पेंसरी की मांग की थी। अपने पहले कार्यकाल में जब सीएमडी पीएम प्रसाद बेलगढि़या गए थे तो उन्होंने भी डिस्पेंसरी खोलने का आश्वासन दिया था। जेआरडीए के पिछली बोर्ड मीटिग में भी इसकी सहमति दी गई थी। इसके बाद जिला प्रशासन व जेआरडीए ने इसकी तैयारी तेज कर दी थी।