बीआइटी के सहायक प्राध्यापकों में निराशा

संस सिदरी झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों पर स्थायी नियुि

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 06:37 PM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 06:37 PM (IST)
बीआइटी के सहायक प्राध्यापकों में निराशा
बीआइटी के सहायक प्राध्यापकों में निराशा

संस, सिदरी : झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति के लिए साक्षात्कार की तिथि घोषणा से बीआइटी सिदरी के संविदा प्राध्यापकों में निराशा छा गई है। बीआइटी सिदरी में 63 प्राध्यापक साढ़े तीन साल से संविदा पर काम कर रहे हैं। इन लोगों को उम्मीद थी कि आयोग स्थायी प्राध्यापक की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार में इन्हें भी शामिल होने का अवसर देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। झारखंड सरकार और आयोग के निर्णय से बीआइटी सिदरी में संविदा पर कार्यरत प्राध्यापकों को नौकरी से अब हाथ धोना पड़ेगा। झारखंड सरकार और आयोग ने बीआइटी सिदरी में सहायक प्राध्यापकों की स्थायी नियुक्ति के लिए 2017 में विज्ञापन निकाला था। विज्ञापन में कुछ तकनीकी खामियां थी। इसलिए बीआइटी सिदरी में संविदा पर कार्यरत प्राध्यापकों ने इस विज्ञापन के अनुरूप स्थायी नियुक्ति के लिए आवेदन पत्र नहीं दिया था। विज्ञापन की तकनीकी खामियों को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। संविदा पर कार्यरत प्राध्यापकों ने कहा कि उच्च न्यायालय में उनकी याचिका पर सुनवाई शुरु हो चुकी है। अगली सुनवाई 11 नवंबर को होनी है। हाल में बीआइटी सिदरी को एनबीए से मान्यता प्राप्त हुई है। बीआइटी सिदरी के पांच विभागों को एक साथ एनबीए की मान्यता प्राप्त होने के पीछे यहां संविदा पर कार्यरत प्राध्यापकों का बहुत ज्यादा योगदान है। इन्हें उम्मीद थी कि उनके परफारमेंस को देखते हुए सरकार और आयोग पुरस्कार स्वरूप उन्हें भी साक्षात्कार में शामिल होने का अवसर देगा, लेकिन ऐसा नहीं होने से प्राध्यापकों में निराश है।

chat bot
आपका साथी