Dhanbad Young Talent: धनबाद के लाल ने झारखंड की संस्कृति को थाईलैंड की मानचित्र तक पहुुंंचाया, शहर में हर्ष
झारखंड का छऊ नृत्य और जावा परब नृत्य विदेशों में भी धमाल मचाने जा रहा है। थाइलैंड में आयोजित होने वाले ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय पेंटिंग एग्जीबिशन-विजन 2021 में झारखंड की संस्कृति भलीभांति देखने को मिलेगी। यहां की संस्कृृृृति से वाकिफ होगा थाइलैंड।
धनबाद, जेएनएन : झारखंड का छऊ नृत्य और जावा परब नृत्य विदेशों में भी धमाल मचाने जा रहा है। थाइलैंड में आयोजित होने वाले ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय पेंटिंग एग्जीबिशन-विजन 2021 में झारखंड की संस्कृति भलीभांति देखने को मिलेगी। बांधडीह भेलाटांड़ कतरास निवासी झारखंड कुड़मी कला जगत के महावीर महतो की दो पेंटिंग का चयन इस पेंटिंग प्रदर्शनी के लिए हुआ है।
उनकी एक पेंटिंग में जावा परब नृत्य और दूसरी में छऊ नृत्य के मोहड़ा (मुखोटा) को जगह मिली है। इसको लेकर आदिवासी कुड़मी युवा मंच बलियापुर में हर्ष का माहौल है। आदिवासी कुड़मी युवा मंच के संरक्षक स्वपन कुमार महतो के अनुसार जावा परब-भादो माह के शुल्क पक्ष में करम परब के सात दिन पहले मनाया जाता है।
इसमें आदिवासी समाज की बेटियां नदी पर जाकर बांस की डाली में बालू भरकर उसमें धान, चना, जौ, कुरथी, मुंग, उरद सहित नौ प्रकार के अनाज के दाने डालती हैं। इसके बाद नदी से करमा गीत गाते -गाते डाली को घर लाती हैं। सात दिन सुबह-शाम इस पर हल्दी लगा जल चढ़ाती हैं। इसको बीच में रखकर चारों ओर नृत्य करती हैं। सात दिन में यह अंकुरित होता है। इसे जावा कहते हैं। इस नृत्य को जावा नृत्य कहते हैं। जावा के अंकुरण को सृजन का प्रतीक माना जाता है।
झारखण्ड की सांस्कृतिक पहचान छऊ नृत्य से भी है। यहां के कई छऊ नृत्य के कलाकार को पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया है। ऑनलाइन होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय पेटिंग प्रतियोगता का आयोजन पॉजिटिव एनर्जी आर्ट इंडिया और चारकोल फाउंडेशन बाेंगोरा थाइलैंड की ओर से किया जा रहा है। थाइलैंड के चारकोल फाउंडेशन बाेंगोरा और सी दीन स्टूडियो में प्रतियोगिता शुरू हो चुकी है और 19 जनवरी तक चलेगी। इसमें दुनिया भर के 158 उत्कृष्ट कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। आदिवासी कुड़मी युवा मंच के संरक्षक स्वपन कमार महतो ने महावीर महतो को झारखंड की संस्कृति और कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने के लिए बधाई दी है।
झारखंड के अलावा प्रदर्शनी में इन देशों की पेंटिंग शामिल
इस प्रदर्शनी में अमेरिका, मारीशस, थाइलैंड, नेपाल, बांग्लादेश, मोरोक्को, टर्की, इटली, इजिप्ट, ईरान, इंडोनेशिया, यूएई, ब्राजील, नार्थ मेसोडोनिया, साउथ अफ्रीका, कोसोवो, ट्यूनेशिया, रूस, सेनेगल, श्रीलंका, सर्बिया, सूडान, निगेरिया, गियोरिर्गा, भारत आदि देश शामिल हैं।
वर्जन
भारत से कई प्रतिभागियों की पेंटिंग चयनित हुई है। इसमें मेरी भी दो पेंटिंग है। झारखंड की संस्कृति को पेंटिंग के माध्यम से विश्व पटल पर लेकर जाना है। इस उपलब्धि पर बहुत खुशी हो रही है। वर्तमान में जूनागढ़ गुजरात के स्कूल में आर्ट शिक्षक हैं।
- महावीर महतो, कलाकार