Dhanbad Weekend Lockdown 20 June: दवा, दूध और रसोई गैस को छोड़कर तमाम दुकानें बंद, शहर की सड़कों पर सन्नाटा

Dhanbad Weekend Lockdown 20 June कोयला कंपनियों में संडे ड्यूटी की हुई कटौती के कारण भी रविवार को यहां श्रमिकों की उपस्थिति कम देखी गई। गोपालीचक कोलियरी पीकी एरिया कुसुंडा गोधर धनसार के खनन परियोजनाओं में एक सा नजारा देखने को मिला।

By MritunjayEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 12:37 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 10:26 PM (IST)
Dhanbad Weekend Lockdown 20 June: दवा, दूध और रसोई गैस को छोड़कर तमाम दुकानें बंद, शहर की सड़कों पर सन्नाटा
वीकेंड लॉकडाउन के कारण खाली पड़ा धनबाद का गया ओवर ब्रिज ( फोटो जागरण)।

धनबाद, जेएनएन। कोरोना संक्रमण को रोकने को लेकर रविवार को दूसरा वीकेंड लॉक डाउन लगाया गया। शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। दवा दुकानों के अलावा अन्य कोई भी दुकानें खुली हुई नहीं थी। कचड़ा ढोने वाले वाहनों के अलावा अन्य दो पहिया वाहन एक्का-दुक्का देखने को मिले। कोलियरी क्षेत्रों की बात करें तो यहां कोयला ढुलाई में लगे वाहनों का परिचालन भी कम देखने को मिली। कोलियरियों में आवश्यक कार्य हाे रहे थे। खदानों में काम करने वाले मजदूरों की संख्या भी कम दिखी। कोयला कंपनियों में संडे ड्यूटी की हुई कटौती के कारण भी रविवार को यहां श्रमिकों की उपस्थिति कम देखी गई। गोपालीचक कोलियरी, पीकी एरिया, कुसुंडा, गोधर, धनसार के खनन परियोजनाओं में एक सा नजारा देखने को मिला।

शहर में चारों ओर सन्नाटा

बात शहर के बाजारों की करें तो हर जगह सन्नाटा नजर आया। दवा दुकानों को छोड़ दें तो अन्य किसी भी प्रकार की दुकानें मुख्य सड़क पर खुली हुई नहीं थी। हालांकि दूध स्टॉल वाले सुबह-सुबह लोगों के घरों तक दूध पहुंचाते देखे गए। यही हाल गांव से सब्जी बेचने के लिए आने वाली महिलाओं का भी था। मौहल्ला में घुम-घुम कर वे सब्जी बेचती देखी गईं। मोहल्ला और कॉलोनियों के बीच स्थित दुकानों से लोग खरीदारी करते देखे गए। मटकुरिया, धनसार, बैंक मोड़, पुराना बाजार, स्टेशन रोड, पार्क मार्केट, पुलिस लाइन, स्टील गेट, बरटांड, बेकारबांध समेत सभी जगहों पर लोग नदारद थे। 

गांव में थी चहल पहल

वीकेंड लॉक डाउन की बात करें तो गांव में थोड़ी चहल-पहल देखी गई। बारिश का मौसम होने के कारण लोग खेतों में धान की बुआई करने की तैयारी करते देखे गए। यह बात जरुर देखने को मिली कि ग्रामीण हाट बाजारों में लोग नदारद थे। ने खरीदने वाले थे ना ही बेचने वाले थे। बरवाअड्डा, गोविंदपुर और पुटकी के गांव में यह हाल देखने को मिला।

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