Dhanbad Rural SP की कुर्सी एक साल से खाली, विशेष प्रशिक्षण लेकर लाैटे मनोज बजाते रहेंगे डीएसपी की ड्यूटी
तीन महीने तक आइपीएस का विशेष प्रशिक्षण लेकर हैदराबाद से धनबाद आए आइपीएस मनोज स्वर्गियार ने फिर से धनबाद में डीएसपी विधि व्यवस्था का पद संभाल लिया है। महत्वपूर्ण बात है कि जिले में ग्रामीण एसपी का पद एक वर्ष से खाली है।
धनबा, जेएनएन। धनबाद ग्रामीण एसपी की कुर्सी पिछले एक साल से खाली पड़ी है। इसे लेकर धनबाद से रांची तक तरह की तरह की चर्चा है। आखिर क्या बात है कि सरकार को एक योग्य ग्रामीण एसपी नहीं मिल रहा हैं। बड़ा सवाल यह है कि योग्यता का पैसाना क्या है ? जबिक आइपीएस अधिकारियों की कमी नहीं है। दूसरी तरफ आइपीएस अधिकारी मनोज स्वर्गियार विशेष प्रशिक्षण लेकर हैदराबाद से धनबाद लाैट आए हैं। लेकिन उन्हें भी ग्रामीण एसप का प्रभार नहीं दिया गया है। वे अभी डीएसपी विधि-व्यवस्था की ड्यूटी ही बजाएंगे।
मनोज ने फिर संभाला डीएसपी विधि व्यवस्था का पद
तीन महीना तक आइपीएस का विशेष प्रशिक्षण लेकर हैदराबाद से धनबाद आए आइपीएस मनोज स्वर्गियार फिर से धनबाद में डीएसपी विधि व्यवस्था का पद संभाल लिया है। महत्वपूर्ण बात है कि जिले में ग्रामीण एसपी का पद एक वर्ष से खाली है और उस रिक्त स्थान को अब तक नहीं भरा जा सका है। एएसपी मनोज स्वर्गीयार के तीन महीने के लिए हैदराबाद विशेष प्रशिक्षण पर जाने के बाद जिले में इस बात की चर्चा शुरू हो गई थी कि शायद प्रशिक्षण के बाद उनकी पोस्टिंग किसी जिले में बतौर एसपी हो सकती है लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। लौटने के बाद पुलिस मुख्यालय के दिशा निर्देश पर वे फिर से धनबाद में डीएसपी विधि व्यवस्था का प्रभार ले लिया हैं। उनके हैदरबाद जाने के बाद डीएसपी सरिता मुर्मू डीएसपी विधि व्यवस्था का पदभार संभाल रही थी। चुकी कोरोना काल में पुलिस पूरी तरह सतर्क है लिहाजा एएसपी मनोज स्वर्गीयार के धनबाद लौटने के बाद वे 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन भी हुए हैं। घर में बैठकर ही फिलहाल कागजाती कामकाज कर रहे हैं।
ग्रामीण कोयले के लिए बदनाम
धनबाद जिले में एक साल से ग्रामीण एसपी का पद खाली है। कोरोना काल में जब पुलिस के दायित्व बढ़ गए हैं ऐसे हालत में भी ग्रामीण एसपी की पोस्टिंग नहीं होना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है। इधर कुछ दिनों से निरसा, बाघमारा समेत ग्रामीण एसपी के क्षेत्र में अवैध कोयला कारोबार से जुड़े कई मामले को पुलिस ने पकड़ा है, वह सभी छापेमारी पुलिस मुख्यालय में बैठे एक सीनियर पदाधिकारी के निर्देश पर हुई है। जीटी रोड के कुछ थानेदार उस सीनियर अधिकारी के निशाने पर हैं।