Dhanbad Teacher Thoughts: ब‍िन श‍िक्षक कैसे आगे बढ़ेंगे यहां के बच्‍चे! ज्ञान के ल‍िए Theory तो ठीक है, जोर व्‍यवहार‍िकता पर ही हो

शिक्षक राजेश कुमार ने बताया क‍ि शिक्षा हम सभी के लिए बेहद जरूरी है। शिक्षा के बिना भविष्य अंधकार है। कोयलांचल में अच्छी शिक्षा हो ताकि कोयलांचल के बच्चे धनबाद के साथ राज्य व देश का नाम रोशन कर सकें।

By Atul SinghEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 08:21 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 08:29 AM (IST)
Dhanbad Teacher Thoughts: ब‍िन श‍िक्षक कैसे आगे बढ़ेंगे यहां के बच्‍चे! ज्ञान के ल‍िए Theory तो ठीक है, जोर व्‍यवहार‍िकता पर ही हो
शिक्षक राजेश कुमार ने बताया क‍ि शिक्षा हम सभी के लिए बेहद जरूरी है।

 धनबाद, जेएनएन:   शिक्षक राजेश कुमार ने बताया क‍ि शिक्षा हम सभी के लिए  बेहद जरूरी है। शिक्षा के बिना भविष्य अंधकार है। पशु व मनुष्‍य में अंतर ज्ञान व बुद्ध‍ि का होता है। और यह ज्ञान हमें श‍िक्षा से ही प्राप्‍त होती है।कोयलांचल में अच्छी शिक्षा हो ताकि यहां  के बच्चे शहर के साथ राज्य व देश का नाम रोशन कर सकें।  कहना आसान है-आधी रोटी खाना है;  बच्चें को पढ़ाना है। दिन प्रतिदिन महंगाई इतनी बढ़ती जा रही है की गरीब लोगों को आधी रोटी  के लिए काफी  मशक्कत  करनी पड़ रही है।  यहां तक की बच्चाेंं को भी रोजी रोटी के लिए पढ़ाई छोडऩा पड़ रहा है। 

 

 शिक्षा में प्रैक्टिकल पर जोर

शिक्षा में थ्‍योरी के साथ प्रैक्टिकल पर विशेष जोर दिया जाए। ताकि बच्चाेंं के दिमाग में   पढ़ी हुई बात अधिक समय तक रह सके। आज देश में श‍िक्षा नीत‍ि में पर‍िवर्तन इसी बात की ओर इशारा है। व्‍यवहार‍िक ज्ञान वर्तमान समय की मांग बन गई है। आज इसकी जरूरत को समझते हुए  सरकार ने ये फैसला ल‍िया है। 

सरकारी स्कूलों शिक्षकों की अभाव

कोयलांचल के साथ राज्य में शिक्षकों का बेहद अभाव है। कई सरकारी स्कूलों में मात्र एक या दो शिक्षक है। अगर प्राथमिक कक्षा की शिक्षक है तो वह माध्यमिक व उच्च कक्षा के बच्चों को भी पढ़ा रहे हैं।  जिस कारण छात्रों को  गुणवत्‍तापूर्ण  शिक्षा नहीं मिल पा रही है।

 शिक्षा के साथ नौकरी

शिक्षा के साथ नौकरी भी मिल जाए तो समाज के लोगों की नजर में  अलग ही छवि बनती है।  लेकिन आजकल कोयलांचल में पढ़े लिखे डिग्री लिए युवाओं की भरमार है।  सभी नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं।  हालत यह है कि सरकारी नौकरी तो छोडि़ए प्राइवेट नौकरी में  भी स्‍पर्धा बढ़ गई है।  

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