नशे के दलदल में समा रहे मुनीडीह के युवा
पुटकी मुनीडीह क्षेत्र के नई पीढ़ी तेजी से नशे के दलदल में समाती जा रही है। ये युवा सुलेशन का प्रयोग कर रहे हैं।
पुटकी : मुनीडीह क्षेत्र के नई पीढ़ी
तेजी से नशे के दलदल में समाती जा रही है। ये युवा सुलेशन और अन्य घातक नशीली चीजों का प्रयोग कर रहे हैं। सुलेशन आम तौर पर साइकिल व मोटरसाइकिल के पंचर बनाने के प्रयोग में आता है, लेकिन पंचर बनाने से ज्यादा इसका इस्तेमाल नशे में किया जा रहा है। इन दिनों मुनीडीह क्षेत्र के कुछ दुकानों में इसकी बिक्री में काफी वृद्धि हुई हैं। युवा अधिक कीमत अदा कर इसका सेवन कर रहे हैं। मुनीडीह क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में खंडहर पड़े भवन, जंगल या सुनसान जगह इनके लिए सेफ जोन बन गया है, जहां जाने पर सुलेशन के सैकड़ों ट्यूब फेंके देखे जा सकते हैं। युवाओं के इस नशे से इनके अभिभावक व स्थानीय जनप्रतिनिधि काफी चितित है और सुलेशन की बिक्री पर रोक लगाने को लेकर लगातर इंटरनेट मीडिया पर मुखर हैं।
ऐसे बचाएं युवाओं को : आज के माहौल में बच्चों को नशे से बचाना एक बड़ी चुनौती हैं। अभिभावक बच्चों पर अपनी नजर रखे। उन्हें चिन्हित कर बेहतर ढंग से समझाकर नशे की लत छुड़ाएं। उस पर अतिरिक्त दवाब नहीं बनाएं, बल्कि उसे प्रेम और समझदारी से बताए कि इस नशे से उसको क्या क्या नुकसान हो सकता हैं। साथ ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व स्थानीय प्रशासन की मदद से युवाओं को प्रचार-प्रसार कर जागरूक करने की आवश्यकता है। यह हो सकता नुकसान : ये नशा किसी भी रूप में किया जाय वो खतरनाक होता है। यदि किसी ने इसका ज्यादा डोज ले लिया तो हृदय गति अनियमित हो जाती है, ब्लडप्रेशर घटने लगता है। स्थिति दयनीय हो जाती हैं। इस नशे से जद में आने से युवाओं की दिमागी हालत खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। मामले की जानकारी होते ही दुकानों को सख्त निर्देश दिए गए। सुलेशन से सम्बंधित कार्य करने वालों के अलावे किसी को भी बेचने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। माइक से क्षेत्र में प्रचार प्रसार किया जा रहा हैं।
रोशन बाड़ा, ओपी प्रभारी, मुनीडीह