जज हत्याकांड में गहरी साजिश व मास्टरमाइंड की मिली जानकारी, फिर होगा आरोपितों का नार्को टेस्ट

धनबाद जिला व सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद हत्याकाड में जेल में बंद आरोपित लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा का फिर नार्को टेस्ट कराया जाएगा। मास्टरमाइंड के बारे में अहम सुराग मिलने के बाद सीबीआइ ने यह फैसला लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 07:16 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 07:16 PM (IST)
जज हत्याकांड में गहरी साजिश व मास्टरमाइंड की मिली जानकारी, फिर होगा आरोपितों का नार्को टेस्ट
जज हत्याकांड में गहरी साजिश व मास्टरमाइंड की मिली जानकारी, फिर होगा आरोपितों का नार्को टेस्ट

धनबाद : जिला व सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद हत्याकाड में जेल में बंद आरोपित लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा का एक बार फिर सीबीआइ नार्को, ब्रेन ब्रेन मैपिंग समेत चार टेस्ट कराएगी। गुरुवार को अनुसंधानकर्ता ने सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकात पाठक की अदालत में आवेदन देकर दोनों का दोबारा टेस्ट कराने के लिए गुजरात के गाधी नगर ले जाने की इजाजत मागी।

कोर्ट को समर्पित आवेदन में कहा गया है कि पूछताछ के दौरान सीबीआइ को गहरी साजिश और मास्टरमाइंड के विषय में कई अहम सुराग मिले हैं। इसका सत्यापन जरूरी है। सुराग मिलने के बाद जेल में दोनों से पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपित लगातार बयान बदल रहे हैं। इसलिए दोनों का दोबारा नार्को और ब्रेन मैपिंग सहित अन्य टेस्ट कराने की आवश्यकता है, ताकि साजिश और मास्टरमाइंड का पता लगाया जा सके। सीबीआइ ने अदालत को बताया कि नार्को के लिए दोनों आरोपितों ने अपनी सहमति भी स्वेच्छा से दी है। अदालत ने सीबीआइ को कुल 23 दिन छह दिसंबर से 29 दिसंबर तक नार्को व अन्य टेस्ट कराने की इजाजत दे दी है।

गौरतलब है कि सीबीआइ के स्पेशल सेल ने 27 नवंबर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसएन मिश्रा की अदालत में आवेदन देकर दोनों आरोपितों से पूछताछ की इजाजत मागी थी। अदालत ने 27 नवंबर से तीन दिसंबर तक जेल में दोनों आरोपितों से पूछताछ की इजाजत सीबीआइ को दी थी । पहले भी हो चुका नार्को टेस्ट : 16 अगस्त को सीबीआइ दोनों आरोपितों का नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराने के लिए कोर्ट के आदेश पर गुजरात लेकर गई थी। टेस्ट के बाद भी सीबीआइ को इस मामले में कुछ विशेष हाथ नहीं लगी थी।

सीबीआइ की स्पेशल सेल ने नार्को ब्रेन मैपिंग व अन्य टेस्ट के लिए गुजरात ले जाने से पूर्व 9 एवं 10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाउस में भी उनकी कई जांच कराई थी। सीबीआइ इस मामले में दोनों आरोपितों का तीन बार रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है। आटो चोरी में नहीं आया गवाह :

दूसरी ओर आटो चोरी के मामले में गुरुवार को सीबीआइ ने अदालत में किसी भी गवाह को पेश नहीं किया। सीबीआइ के अभियोजक ने विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत से गवाह पेश करने के लिए समय की याचना की। अदालत ने सीबीआइ को गवाह पेश करने का निर्देश देते हुए नौ दिसंबर की तारीख निर्धारित की है। जज उत्तम आनंद की मौत 28 जुलाई की सुबह हुई थी।

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