धनबाद जेल के बंदियों को विजयादशमी पर होता है माता दुर्गा का दर्शन
धनबाद दुर्गापूजा का आगाज होने वाला है। विश्वकर्मा पूजा समाप्त होते ही धनबाद के मूर्तिकार अब मां दुर्गा की प्रतिमा को आकार देने लगे हैं।
धनबाद : दुर्गापूजा का आगाज होने वाला है। विश्वकर्मा पूजा समाप्त होते ही धनबाद के मूर्तिकार अब मां दुर्गा की प्रतिमा को आकार देने में जुट चुके हैं। सात अक्टूबर से नवरात्र का पावन समय शुरू होने वाला है। इसे देखते हुए जिले में दुर्गापूजा की चहल-पहल बढ़ गई है। दुकानों में नए डिजाइन के कपड़े भी आने लगे है। हालांकि कोरोना के खतरे को देखते हुए इस बार भी पूजा सादगी से ही होगी। कहीं मेला नहीं लगाया जाएगा। वहीं, हर बार की तरह इस बार भी धनबाद मंडल कारा में दुर्गा पूजा की तयारी शुरू हो गयी है।
ऐसे होती है पूजा : जेलर बताते है कि धनबाद जेल में वर्षों से दुर्गापूजा का आयोजन हो रहा है। जेल परिसर में स्थित मंदिर में दुर्गा मां की प्रतिमा स्थापित की जाती है। जेल स्टाफ के अलावा बंदी भी इसमें भाग लेते हैं। लगभग 100 पुरुष व महिला बंदी हर वर्ष नवरात्र करते है। इनमें भी अलग उत्साह देखने को मिलता है। मईया देती है भक्तों को दर्शन : धनबाद जेल में मनाई जाने वाली दुर्गापूजा कुछ खास तरीके से मनायी जाती है। पूजा के नौ दिन तक बंदी भक्तों को मां के दर्शन नहीं हो पाते है। मगर आखिरी दिन विजयादशमी को मइया खुद अपने भक्तों से मिलने जेल गेट के अंदर जाती है। इसी दौरान बंदी भक्तों को मां के दर्शन होते हैं। मां की प्रतिमा को जेल के अंदर ले जाया जाता है। सभी बंदी भक्त उस दौरान मूर्ति को प्रणाम कर उनका दर्शन करते है। बंद रहता है मांसाहार : नवरात्र में धनबाद जेल में बंद मांसाहार खाना बंद रहता है। ऐसा नहीं कि किसी पर इसका दबाव रहता है, मगर बंदी खुद भक्ति भाव में नवरात्र में मांसाहार से दूर रहते हैं। कुछ बंदी तो ऐसे है जो फलाहार पर नौ दिन जेल में गुजारते हैं।