बीसीसीएल में 11.6 करोड़ के घोटाले में पूर्व सीएमडी समेत 17 पर शिकंजा

धनबाद वर्ष 2017 में बीसीसीएल में चाइनीज कंपनी से रोड हेडर मशीन की खरीददारी में घाटाले पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 06:59 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 06:59 PM (IST)
बीसीसीएल में 11.6 करोड़ के घोटाले में पूर्व सीएमडी समेत 17 पर शिकंजा
बीसीसीएल में 11.6 करोड़ के घोटाले में पूर्व सीएमडी समेत 17 पर शिकंजा

धनबाद : वर्ष 2017 में बीसीसीएल में चाइनीज कंपनी से रोड हेडर मशीन की खरीददारी में कंपनी को 11.6 करोड़ का चूना लगाने के मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश रजनीकात पाठक की अदालत ने गुरुवार को संज्ञान लिया। अदालत ने बीसीसीएल के पूर्व सीएमडी टीके लाहड़ी समेत चाइनीज कंपनी, कंपनी के भारतीय एजेंट समेत 17 लोगों को हाजिर होने का आदेश दिया है।

चार वषरें के अनुसंधान के बाद सीबीआइ ने रोड हेडर मशीन की खरीदारी में घोटाले का पर्दाफाश करते हुए बीसीसीएल के पूर्व सीएमडी टीके लाहड़ी, पूर्व अधिकारियों, चाइनीज कंपनी तथा कंपनी के भारतीय एजेंट समेत 17 लोगों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया था। सीबीआइ ने चार पूर्व अधिकारियों को क्लीनचिट दे दी थी। इनके विरुद्ध संज्ञान :

टीके लाहिड़ी पूर्व सीएमडी, डीसी झा पूर्व निदेशक, ए साहा पूर्व निदेशक, आरके सिन्हा पूर्व सीएमडी ईसीएल, पीके चक्रवर्ती पूर्व सीजीएम, केके सिन्हा पूर्व सीजीएम, आरके मिश्रा पूर्व जीएम, एके सिन्हा पूर्व सीजीएम, एसए नारायण पूर्व जीएम, चंद्रमोहन पूर्व जीएम, जी उत्प्रीति पूर्व जीएम, आरके मुंशी, चंद्रमोहन, मेसर्स डायनासार्स कोल माइनिंग मशीनरी कंपनी लिमिटेड बीजिंग चीन, मेसर्स मीनू इन्नोवेटिव टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता, मुद्रजीत दासगुप्ता सीजीएम ईएनएम, भोगीलाल चोटालिया जीएम फायनेंस, मदन मित्रा डिप्टी चीफ मैटेरियल मैनेजर तथा कंपनी के भारतीय एजेंट प्रवीण परखिया एवं मिलन परखिया।

यह है आरोप : 22 नवंबर 2017 को सीबीआइ ने बीसीसीएल के पूर्व सीएमडी टीके लाहिड़ी समेत 16 लोगों के खिलाफ चीनी कंपनी से मिलीभगत कर 11.6 करोड़ के घोटाले का भंडाफोड़ किया था। सीबीआइ ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि रोड हेडर मशीन की खरीद में तय मानकों की जमकर अनदेखी की गई। जो मशीन चाहिए थी उसके स्थान पर बड़ी मशीन खरीदी गई। नतीजा वह खराब हो गई। सीबीआइ ने आरोप लगाया कि नियम विरुद्ध कंपनी को मशीन भारत पहुंचने से पूर्व ही एडवास 11.6 करोड़ का भुगतान कर दिया गया था। बीसीसीएल अधिकारियों ने रोड हेडर मशीन की खरीददारी में सरकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए दो मशीन की खरीदारी की थी। इन मशीनों को डब्ल्यूजे एरिया मुनिडीह में रखा गया था, जिनमें से एक मशीन नवंबर 2015 में तथा दूसरी तीन फरवरी 2016 को ब्रेकडाउन हो गई। सीबीआइ ने दावा किया है कि आरोपितों द्वारा बीसीसीएल एवं भारत सरकार को करीबी 11.6 करोड़ रुपये का चूना लगाया था। सीबीआइ ने अनुसंधान के बाद कुछ वैसे लोगों के खिलाफ भी आरोप पत्र समर्पित किया है जो प्राथमिकी के नामजद आरोपित नहीं हैं।

इन्हें दी थी क्लीनचिट : वीके सिन्हा, आरडी आरआई-2, एके दत्ता पूर्व जीएम मुनीडीह, एसके सिंह पूर्व चीफ मैनेजर व अमिताभ साहा।

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